Aurangabad Seat: महागठबंधन में आरजेडी की तरफ से औरंगाबाद सीट से अभय कुशवाहा को टिकट दिया गया है. इस पर अब महागठबंधन में बगावती तेवर दिखने शुरू हो गए हैं. औरंगाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट से पूर्व सांसद निखिल कुमार के चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन यह सीट अब आरजेडी के खाते में चली गई है. इस पर निखिल कुमार ने एबीपी न्यूज से खात बातचीत की. गठबंधन धर्म का पालन किया जा रहा है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का जो पालन होना चाहिए वह नहीं हो रहा और क्यों नहीं हो रहा है. हम लोगों ने यह तय किया है कि जितनी सीट हमारे पास 2019 में थी उससे कम इस बार हम नहीं लेंगे. 


स्थानीय को नहीं मिला है टिकट- निखिल कुमार


निखिल कुमार ने कहा कि गठबंधन धर्म का उल्लंघन किया जा रहा है. गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिए बिना आरजेडी टिकट वितरित कर रही है. यदि वे इस धारणा के तहत काम कर रहे हैं कि वे अधिक (सीट) जीत सकते हैं, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि 2019 में उन्हें एक भी सीट नहीं मिली थी, जबकि हमने बिहार की एक सीट जीती थी. वहीं, आगे उन्होंने कहा कि आरजेडी ने जिनको बनाया है वे स्थानीय भी नहीं हैं. औरंगाबाद के लोग यह भी नहीं जानते कि वह कौन हैं इसलिए यह तर्क कि जीतने की योग्यता के कारक को ध्यान में रखा गया है, निराधार है.


'आरजेडी को नहीं मिली थी सफलता'


पूर्व सांसद ने कहा कि हम 2019 में महागठबंधन का हिस्सा थे और उनके अलावा, हम ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने गठबंधन जारी रखा है. हमने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा, एक पर जीत हासिल की. उन्होंने (आरजेडी) बहुत बड़ी संख्या में चुनाव लड़ा लेकिन शून्य पर जीत हासिल की. ऐसे में हमारे लिए सम्मानजनक हिस्सेदारी का मतलब उस संख्या से कम सीट नहीं होगी जिन पर हमने पिछली बार चुनाव लड़ा था. 


आगे कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर बिहार में गठबंधन टूट जाता है, तो उन्हें हमसे ज्यादा नुकसान होगा. मैं इसे पिछले आम चुनाव में दोनों पार्टियों के प्रदर्शन के आधार पर कह रहा हूं. मुझे उम्मीद है कि आरजेडी के साथ उत्कृष्ट संबंधों के लिए जाने जाने वाले हमारे प्रदेश अध्यक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि कांग्रेस के हितों की रक्षा की जाए.


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