Bihar News: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एक तरफ जहां सोमवार को बिहार दौरे पर आए तो दूसरी ओर एक नेता ने इस्तीफा दे दिया. बिहार कांग्रेस के काफी पुराने और सक्रिय सदस्यों में से एक एवं प्रदेश स्तर के नेता आईपी गुप्ता ने सोमवार (07 अप्रैल) को पार्टी छोड़ दी. फिलहाल कांग्रेस में इस बात को लेकर चर्चा का विषय बन गया है.
आईपी गुप्ता बिहार कांग्रेस के एक बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं. कई साल से वे पार्टी से जुड़े हुए थे. उन्होंने अपने समाज के लोगों के साथ सामूहिक रूप से कांग्रेस से अलग होने का ऐलान किया. बता दें कि आईपी गुप्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराज होकर पिछले छह महीने से आंदोलन पर हैं.
क्या है इस्तीफे की वजह?
इस्तीफे के पीछे की वजह क्या है यह बड़ा सवाल है. 01 जुलाई 2015 को बिहार सरकार ने एक संकल्प जारी कर तांती और ततवा जातियों को अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हटा दिया था. हटाने के बाद अनुसूचित जाति में शामिल कर दिया गया था. इस संकल्प के बाद तांती-ततवा को भी अनुसूचित जाति (एससी) का प्रमाण पत्र जारी किया जाने लगा, जिसके आधार पर वे सरकारी नौकरी पाने में इसका लाभ उठाने लगे. यह मामला सुप्रीम कोर्ट गया. 17 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के इस निर्णय को रद्द कर दिया. इसके बाद तांती-ततवा समाज के लोग फिर से अति पिछड़ा में शामिल हो गए. आईपी गुप्ता लगातार इसी बात को लेकर आंदोलन कर रहे हैं कि उन्हें फिर से अनुसूचित जाति में शामिल किया जाए.
इसको लेकर वह अपने समाज के लोगों को एकजुट करने के लिए पिछले छह महीने से आंदोलन पर हैं. इसी क्रम में आज (सोमवार) उन्होंने अपने समाज के लोगों के साथ सामूहिक रूप से कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली होगी. उसी दिन हम सभी समाज के लोग एकजुट होकर अपनी पार्टी का निर्माण करेंगे. विधानसभा चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी विचारों को लेकर चलती है लेकिन हमारे आरक्षण में कोई पार्टी सहयोग नहीं दे रही थी. इसलिए हम लोगों ने अपने समाज के लोगों के साथ एकजुट होकर खुद आगे बढ़ने का निर्णय लिया है.
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