पटना: बिहार में मंगलवार को नीतीश कैबिनेट के विस्तार के बाद बुधवार को नए मंत्रियों के पदभार ग्रहण करने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में बिहार सरकार में कला एवं संस्कृति विभाग के मंत्री बनाए गए बीजेपी नेता और सहरसा विधायक आलोक रंजन ने भी पदभार ग्रहण किया. हालांकि विभाग की बागडोर संभालने से पहले उन्होंने कुछ ऐसा किया जिसकी अब हर तरफ चर्चा हो रही है.


मंत्री जी ने शुभ मुहूर्त का किया इंतजार


दरसअल, मंत्री जी बुधवार को शुभ मुहूर्त से पहले ही अपने विभाग पहुंच गए थे. हालांकि, जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ तो वो अपने केबिन के दरवाजे पर खड़े होकर शुभ मुहूर्त का इंतजार करने लगे. कुछ देर इंतजार के बाद सब घड़ी ने शुभ मुहूर्त का इशारा किया तब उन्होंने केबिन के अंदर प्रवेश किया और विभाग की बागडोर संभाली.


पूरे विभाग को समझने की है जरूरत 


पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने पीएम मोदी, सीएम नीतीश और पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मुझे जो दायित्व सौंपा गया है, उसका मैं निर्वहन करूंगा. पूरे विभाग को मुझे ठीक से समझने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में इस विभाग का काम दिखाई पड़ेगा. इस विभाग का काम पूरे राज्य में पहले से भी दिख रहा है और आगे उससे भी अच्छा दिखाई पड़ेगा.


युवाओं को आगे बढ़ाना चाहते हैं पीएम मोदी

नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किए गए नए चेहरे को लेकर बीजेपी विधायक आलोक रंजन ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री शुरू से कहते आ रहे हैं कि ये युवाओं का देश है. यहां 70 प्रतिशत आबादी युवाओं की है और किसी भी देश के विकास में जो योगदान युवाओं रहा है, वो सर्वाधिक है.


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच है कि युवाओं को आगे बढ़ाकर पूरे देश को आगे बढ़ाना है. उसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए ये दायित्व मुझे मिला है. लेकिन जिन्हें भी ये दायित्व मिला है, वो सभी पार्टी के वर्कर हैं, वो एक साधारण कार्यकर्ता की तरह काम करते हुए आगे आये हैं और सामाजिक दायित्व का उन्हें अनुभव है. वो राज्य के विकास के लिए अच्छा काम करेंगे.


19 लाख रोजगार का सृजन हमारे लिए अहम


बिहर में बेरोजगारी को लेकर उन्होंने कहा कि 19 लाख रोजगार का सृजन हमारे लिए अहम मुद्दा है. सभी जगहों पर रोजगार के अवसर को बढ़ावा दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आत्मनिर्भर भारत का कार्यक्रम चला रहे हैं वो भी रोजगार का सृजन ही है. बिहार में भी उसी तर्ज पर आत्मनिर्भर बिहार कार्यक्रम चल रहा है. इस विभाग में भी रोजगार सृजन पर ध्यान दिया गया है, सभी कार्यालय में कर्मचारियों के पद का सृजन हुआ है.


कला महाविद्यालय बनाने की है योजना


अपने मंत्रालय के कार्य को लेकर उन्होंने कहा कि कला के क्षेत्र में भी बिहार बहुत आगे बढ़ेगा. मेरा मानना है कि यहां प्रतिभाएं बहुत हैं और ऐसा नहीं है कि उनके लिए प्रयास नहीं किया गया. 15 वर्ष पहले यहां कुछ नहीं था, लेकिन विगत 15 वर्षों में बहुत प्रयास हुए हैं. सभी जगहों पर आज कला संस्कृति विभाग द्वारा महोत्सव मनाया जा रहा है और इसमें क्षेत्रीय कलाकारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा है. आगे भी यहां कला महाविद्यालय बनने वाला है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इससे कला के क्षेत्र में कितना विकास होगा.


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