पटना: चिराग पासवान के खिलाफ की गई सीएम नीतीश कुमार की प्लानिंग का असर दिखने लगा है. चिराग के खिलाफ नीतीश कुमार की दलित फॉर दलित की नीति ने काम करना शुरू कर दिया है. अभी तक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम आधिकारिक तौर पर एनडीए में शामिल भी नहीं हुई है, लेकिन पार्टी नेताओं ने नीतीश कुमार के लिए स्टैंड लेना शुरू कर दिया है.



हमें कोई फर्क नहीं पड़ता


हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने शुक्रवार को एलजेपी के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा, "हमारे एनडीए में आने से कौन नाराज है? कौन खुश है? इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. हमारा एजेंडा साफ है कि हम नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करने आएं हैं, हम सीट शेयरिंग में कोई हिस्सेदारी नहीं मांग रहे हैं. अगर नीतीश कुमार के खिलाफ चिराग पासवान भी जुबान खोलेंगे, हमें भी जुबान खोलना पड़ेगा."


चिराग पासवान धमकी ना दें


उन्होंने कहा, "अगर चिराग पासवान यह धमकी दे रहे हैं कि जेडीयू के उम्मीदवारों के खिलाफ वो अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे, तो उनकी सीटों पर हम भी आपने कैंडिडेट्स खड़ा करेंगे. इसलिए अनुरोध है कि अगर एनडीए में हैं, तो अपने वजूद और हक-हकूक के साथ रहें. अगर धमकी देंगे तो हम धमकी बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं."


सीएम नीतीश कुमार को घेर रहे हैं चिराग पासवान


बता दें कि एलजेपी के नए अध्यक्ष चिराग पासवान इनदिनों लगातार नीतीश कुमार को तय प्लांनिग के तहत टारगेट कर रहे हैं, साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीट पाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स का सहारा ले रहे हैं. NDA में होने के बावजूद वो लगातार सीएम नीतीश कुमार पर सवाल खड़े कर रहे हैं. साथ ही बीजेपी के साथ नर्म रूप अख्तियार करते हुए उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि जरूरत पड़ी तो विधानसभा चुनाव में वो जेडीयू के सीट पर भी अपने उम्मीदवार खड़ा करेंगे. इन सभी प्रकरण में नीतीश कुमार चुप हैं, लेकिन अंदर ही अंदर उन्होंने चिराग पासवान का काट निकाल लिया है.