बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन के घोषणापत्र में किए वादों पर निशाना साधा. सीएम ने आरजेडी को निशाने पर लेते हुए कहा कि  जब 15 साल तक राज्य में उनकी सरकार थी तो उन्होंने युवाओं के हित में कोई काम नहीं किया और राज्य के खजाने को लूटने में व्यस्त रहे. उन्होंने कहा कि आज कल कुछ लोग युवाओं को बरगलाने के लिए सरकारी नौकरी और रोजगार को लेकर भ्रामक घोषणाएं कर रहे.

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हमलोग जो कहते हैं, पूरा करते हैं- सीएम

एक्स पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरा अनुरोध है कि आप किसी भ्रम में नहीं रहें.  हमारी सरकार ने जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिए. आगे भी हमलोग ही काम करेंगे. हमलोग जो कहते हैं, वह पूरा करते हैं."

बिहारी के नाम पर अपमान झेलना पड़ता था- सीएम

सीएम ने कहा कि साल 2005 के पहले पलायन बिहार की नियति बन गई थी. बिहार के युवाओं को दूसरे राज्यों में रोजगार खोजना पड़ता था. युवाओं को बिहारी के नाम पर 'अपमान' झेलना पड़ता था. 

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2005 से पहले भर्ती न के बराबर निकलती थी- सीएम

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2005 से पहले नौकरियों के लिए भर्ती न के बराबर निकलती थी. अगर निकलती भी थीं तो नौकरी का सौदा हो जाता था. 2005 से पहलेसरकारी कर्मियों का बुरा हाल था, ना काम करने का माहौल था, ना सुविधाएं थी और हर महीने वेतन और पेंशन भी नहीं मिलती थी.

सबसे पहले हमने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया- सीएम

नीतीश कुमार ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब हमलोगों की सरकार बनी, तो सबसे पहले हमने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया. युवाओं के लिये रोजगारपरक तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण का इंतजाम किया गया. अब हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज एवं पॉलिटेक्निक की पढ़ाई हो रही है. राज्य में अनेक संस्थानों की स्थापना की गयी है जिसमें कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी शामिल हैं. यहां के छात्रों को अब मजबूरी में बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि अन्य राज्यों से छात्र यहां आकर पढ़ाई कर रहे हैं.