चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर का नाम बिहार और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों की मतदाता सूची में है. एक निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ रही है.
इस बीच सासाराम के निर्वाचन अधिकारी ने प्रशांत किशोर को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए तीन दिनों का वक्त दिया है. प्रशांत किशोर को चुनाव रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) ने नोटिस भेजा है क्योंकि उनका नाम दो अलग-अलग जगह, बिहार और पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट में दर्ज पाया गया. उन्हें तीन दिनों के भीतर इस दोहरे नामांकन पर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है.
दूसरी ओर कोलकाता में निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार पश्चिम बंगाल में मतदाता के रूप में पंजीकृत किशोर का पता 121, कालीघाट रोड के रूप में दर्ज है, जो कोलकाता के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय का पता है. भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का निर्वाचन क्षेत्र है. अधिकारी ने कहा, 'उनका मतदान केंद्र बी रानीशंकरी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल के रूप में सूचीबद्ध है.'
बिहार चुनाव 2025: 'तेजस्वी यादव को समय लगेगा', 'जननायक' वाले पोस्टर पर RJD नेता का बड़ा बयान
पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के दौरान किशोर ने तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया था. निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि किशोर का नाम बिहार में रोहतास जिले के सासाराम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत करगहर विधानसभा क्षेत्र में पंजीकृत है. उनका मतदान केंद्र मध्य विद्यालय, कोनार है.
फॉर्म-8 भरना जरूरी- आयोग
इस मामले पर बात करते हुए चुनाव अधिकारी ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 का उल्लेख किया, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो सकता है.
उन्होंने कहा, 'वहीं, धारा 18 एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से ज़्यादा प्रविष्टियों पर रोक लगाती है. मतदाताओं को निवास बदलने पर अपना नामांकन स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म-8 भरना जरूरी है.'
निर्वाचन आयोग ने स्वीकार किया है कि मतदाता प्रविष्टियों का दोहराव बार-बार सामने आने वाला मुद्दा है और उन्होंने इसे पूरे देश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करने का एक कारण बताया है.