पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का जनता दरबार (Janata Darbar) सोमवार (9 अक्टूबर) को शुरू हुआ लेकिन इसका लाइव प्रसारण नहीं हुआ. हालांकि लाइव अब नहीं होगा या किसी कारण आज प्रसारण नहीं हुआ है इसको लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. दरअसल, जब भी जनता दरबार होता है तो ऑनलाइन प्रसारण होता है लेकिन आज यह नहीं हो सका. इस बीच इसको लेकर राजनीति हो रही है.


बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने दो वजह मीडिया के सामने बताई. पहली वजह जनता दरबार में फरियादी तो आते हैं लेकिन उनका कोई निदान नहीं होता है. दूसरी वजह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो रही है. कई बार लाइव प्रसारण में ही कुछ हरकतें कर चुके हैं. उनकी भद्द पिट रही है. यही कारण है कि सच्चाई से मुंह मोड़ते हुए उन्होंने लाइव प्रसारण को बंद करवा दिया है. 


आरजेडी ने मुख्यमंत्री का किया बचाव, बीजेपी पर साधा निशाना  


सरकार के साथ महागठबंधन के साथी आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव किया है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता की समस्या सुन रहे हैं यह महत्वपूर्ण बात है. उन्होंने कहा कि समय-समय पर प्रशासन कुछ ना कुछ बदलाव करती है उसी कड़ी में बदलाव किया गया है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट से तो बीजेपी की खुद मेमोरी लॉस हो चुकी है दूसरे के बारे में वह क्या बोलेगी?


जनता दरबार में जब भूल गए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार


बता दें कि चार सिंतबर 2023 का जनता दरबार का आयोजन हुआ था. उस दिन नीतीश कुमार भूल गए कि वो खुद बिहार के गृह मंत्री हैं. नीतीश कुमार के जनता दरबार में अपने अफसर से कह दिया था कि गृह मंत्री को फोन लगाओ. थोड़ी देर के लिए अजीब हालात पैदा हो गई थी. अफसर भी ऊहापोह में फंस गए थे. वो किशनगंज की एक फरियादी की समस्या सुन रहे थे.


विभिन्न विभागों से सबंधित मामलों पर हुई सुनवाई


इधर सोमवार को 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम' में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 76 लोगों की समस्याओं को सुना. संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए उचित कार्रवाई का निर्देश दिया. आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग क्ल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्य विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला सस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई.  


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