Bihar Assembly Election 2025: एनडीए के दो सहयोगी दलों में जुबानी जंग तेज हो गई है. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हो रही बयानबाजी से पीएम मोदी और नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ सकती है. एक तरफ जीतन राम मांझी की पार्टी है तो दूसरी तरफ चिराग पासवान की पार्टी है. 

बीते मंगलवार (01 जुलाई) को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर तंज कसा. मांझी ने चिराग का बिना नाम लिए कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव में उनका क्या हश्र हुआ था वह देख चुके हैं, इस बार फिर वैसा करेंगे तो इस बार भी 2020 जैसा हश्र होगा.

'अपनी महत्वाकांक्षा के लिए बिहार में जाना चाहते हैं तो…'

जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि अगर कोई अपनी महत्वाकांक्षा के लिए बिहार में जाना चाहते हैं तो कोई रोक नहीं है, लेकिन जिस उद्देश्य से जाना चाहते हैं वह सधेगा नहीं क्योंकि बिहार में अभी किसी दूसरे की आवश्यकता नहीं है. नीतीश और पीएम मोदी हैं. दोनों के नेतृत्व में बिहार में हर क्षेत्र में तेजी से विकास का काम हो रहा है.

दरअसल चिराग पासवान को लेकर चर्चा है कि वे इस बार बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. लड़ने की चर्चा तेज है इसी को लेकर मांझी ने यह तंज कसा है. बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़े थे. जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतारा था, लेकिन एक सीट जीत जीत पाए थे. जेडीयू 43 सीटों पर ही सिमट गई थी.

सांसद अरुण भारती ने किया हमला

उधर चिराग पासवान के जीजा एवं सांसद अरुण भारती ने जीतन राम मांझी का नाम लिए बिना पलटवार किया है. मंगलवार को एक्स पर लिखा, "बिहार विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा दे देने का अनुभव, वाकई चिराग पासवान जी के पास नहीं है." बता दें कि 2015 में मांझी ने बहुमत साबित करने से पहले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.