पटना: रामविलास पासवान के निधन के बाद ऐसा लगता है लोक जनशक्ति पार्टी में नीतीश के मुद्दे पर फूट पड़ गई है. पार्टी ऑफिस में रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार के काम में कोई कमी नहीं नजर आती है.
पारस ने कहा, ''मैं नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में लगभग पौने दो साल मंत्री रहा और मुझे नीतीश जी के काम करने का तरीका बहुत अच्छा लगा। इसमें कहीं कोई कमी नहीं है वह हमेशा विकास की बात करते थे. अब इतना बड़ा स्टेट है कहीं ना कहीं कुछ होता है लेकिन हमने उन्हें देखा है, वह काफी विकास की बात करते थे.''
पारस ने कहा कि नीतीश कुमार विकास की बात चौबीसों घण्टे अपने कैबिनेट में भी करते थे. कैबिनेट के सहयोगियों के साथ भी विकास की ही बात करते थे उस में कहीं कोई कमी नहीं है.
बता दें पशुपति पारस की बात से इत्तेफाक नहीं रखने वाले चिराग बोलते हैं कि विकास हुआ ही नहीं. इस पर पशुपति पारस ने कहा कि मैंने आपसे कहा कि मैं पॉलिटिकल बात 20 तारीख के बाद करूंगा, लेकिन मैंने आपको अपना अनुभव बता दिया. बिहार में विकास हुआ है कम हुआ है या ज्यादा हुआ लेकिन हुआ है.
रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस ने कहा कि रामविलास जी हमारे बड़े भाई पिता तुल्य थे. जैसे रामचंद्र जी अपने कर्म के बल पर पुरुषोत्तम राम कहलाएं उसी तरह हम पासवान जी को भगवान का रूप मानते हैं और वह हमारे आदर्श भी थे. अयोध्या के रामचंद्र जी, लक्ष्मण जी को तो हमने नहीं देखा, लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं अयोध्या के रामचंद्र जी लक्ष्मण जी से भी ज्यादा प्यार हमारे तीनों भाई में थे. उनका सारा काम पिछले 40-42 सालों से मैं ही देख रहा था वह क्या खाना खायेंगे, कहां रहेंगे यह हमारी ड्यूटी थी.
पशुपति पारस ने कहा, ''आज मैं कुछ भी राजनीति बात करने के स्थिति में नहीं हूं लेकिन 20 तारीख के बाद मैं डिटेल में राजनीति बात करूंगा. हमारी दो डिमांड है माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी आग्रह है कि बिहार सरकार एक प्रस्ताव भेजें की रामविलास पासवान जी को भारत रत्न की उपाधि मिले.
नीतीश कुमार के साथ अपने काम करने के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, ''मैं इसको लेकर नीतीश कुमार जी को पत्र लिखूंगा और जाकर मिलूंगा भी मेरा उनसे कोई राजनीतिक दुर्भावना नहीं है वह मेरे बड़े भाई हैं. उनके साथ मंत्रिमंडल में काम करने का बहुत अच्छा अनुभव था. विशेष परिस्थिति थे उसके बारे में मैं 20 तारीख के बाद बताऊंगा लेकिन आज भी मेरा उनके साथ अच्छा संबंध है मैं जरूर जाऊंगा मिलने और पत्र भी लिखूंगा बिहार सरकार के मुखिया होने के नाते जरूर पत्र लिखिए प्रधानमंत्री जी को भारत रत्न उपाधि से विलास पासवान जी को सम्मानित कीजिए. दूसरा डिमांड हमारा यह है कि 12 जनपथ को पासवान जी के नाम पर राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए.''