बिहार विधानसभा चुनाव में NDA के सहयोगी चिराग पासवान का प्रदर्शन बेहतरीन रहा. 29 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की. इसे सीधे तौर पर चिराग पासवान का कमबैक माना जा सकता है. बिहार चुनाव के अच्छे नतीजों को देखते हुए कयास लग रहे थे कि चिराग NDA से किसी बड़े पद की डिमांड रखेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. जब उनसे इस बारे में सवाल किया गया तो चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया.
दरअसल, चिराग पासवान से पूछा गया कि उन्होंने अपने लिए डिप्टी सीएम का एक पद क्यों नहीं मांग लिया? 19 सीटें लाने के बाद भी उनके दो मंत्री बने, लेकिन एक भी बड़ा पद नहीं मिला. क्या इस बात का मलाल है? इस सवाल के जवाब में लोजपा (रा) के प्रमुख बोले, "चिराग पासवान कितना और लालची हो सकता है. डिप्टी सीएम के पद की मांग कर लेना तो लालच की बात होगी."
चिराग पासवान ने आगे कहा, "आप खुद देखिए मैं कहां से आया हूं. साल 2021 में मेरे संघर्ष का दौर सबने देखा. उस समय मेरे आसपास एक आदमी नहीं दिखता था. कहीं कार्यक्रम करना है तो सोचना पड़ता था कि 10 लोग कहां से आएंगे? व्यवस्था कैसे तैयार होगी?"
चिराग पासवान ने याद किए संघर्ष के दिन
बिहार में उप मुख्यमंत्री का पद ना मांगने के सवाल का जवाब देते हुए चिराग पासवान ने आगे कहा, "2024 में एक अकेला सांसद पार्टी चला रहा था. उसकी पार्टी को 2021 में तोड़ दिया गया था. उसे घर-परिवार से निकाल दिया गया था. उस अकेले सांसद पर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास जताया. उसे पांच सीटें लड़ने को दीं."
सांसद ने कहा, "आज यह बात होती है कि चिराग पासवान ने पांचों सीटें जीत ली थीं, लेकिन ये तो बाद की बात है. पहली बात तो यह है कि मुझपर विश्वास जताया गया कि मैं जीत सकता हूं. उनके विश्वास पर मैं खरा उतरा, यह सेकंडरी बात है."
चिराग पासवान ने आगे कहा, "एक सांसद वाली पार्टी को पांच सीटों लड़ने को दी गईं. शून्य विधायक वाली पार्टी को 29 सीटों पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को दिया गया. उनमें से भी हम 19 सीटें जीत कर आए. वह भी तब जब विपक्ष लगातार यह नरेटिव सेट कर रहा था कि चिराग पासवान को हारने वाली सीटें दी गई हैं, चिराग पासवान दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगा."
'अब भी मांग रखूं तो मुझसे बड़ा नाशुक्रा कोई नहीं'
जीरो विधायक वाली पार्टी को 29 सीटें दी जाती हैं, हमारे 19 विधायक बनते हैं. उनमें से दो को मंत्री बनाया जाता है. अब मैं इससे ज्यादा क्या मांग सकता हूं. अगर मैं अब भी कोई मांग रख देता हूं तो मुझसे बड़ा नाशुक्रा कोई नहीं होगा. मुझसे बड़ा लालची कोई नहीं होगा. अगर अब भी मैं मलाल रखूंगा तो मुझे खुशियों को मनाना नहीं आता होगा. इसलिए मुझे जितना मिला है, मैं मानता हूं कि मेरे पिता के आशीर्वाद से मिला है. इसलिए मैं बहुत खुश हूं.