मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चल रही राजनीतिक बहस के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की सांसद शांभवी चौधरी ने विपक्ष पर हमला बोला है. उन्होंने साफ कहा कि विपक्ष केवल मुद्दा उछालकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि उनकी राजनीतिक रणनीति लगातार असफल हो रही है.

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सांसद शांभवी चौधरी ने कहा, "वे विपक्ष में हैं, इसलिए कुछ न कुछ बोलते ही रहेंगे. उन्हें एसआईआर का असली उद्देश्य समझ ही नहीं आ रहा है. एसआईआर इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि लोकतंत्र के सबसे बड़े अधिकार (मतदान के अधिकार) को और मजबूत किया जा सके."

'उनकी रणनीतियां बार-बार हो रहीं फेल'

सांसद ने यह भी कहा कि देशभर में विपक्ष की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है. उनकी रणनीतियां बार-बार फेल हो रही हैं. वे चुनाव में लगातार हार रहे हैं और अब एसआईआर को ढाल बनाकर अपनी राजनीति बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने विपक्ष पर जनता में अनावश्यक डर फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "ये लोग जनता को डराने का काम कर रहे हैं. बिहार में भी एसआईआर को बहुत बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की गई, लेकिन बिहार की जनता ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे दिया."

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एसआईआर को शांभवी ने बताया महत्वपूर्ण कदम

शांभवी ने दावा किया कि लोगों ने यह समझ लिया है कि एसआईआर किसी के अधिकार छीनने के लिए नहीं, बल्कि नागरिक अधिकारों को और मजबूत बनाने के लिए लाया जा रहा है. एसआईआर देश के नागरिकों की पहचान और अधिकारों को सुरक्षित करने का एक सशक्त माध्यम है. भारत किसी भी प्रकार के घुसपैठियों को अनुमति नहीं देता और एसआईआर इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

आगे कहा कि जब देश की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले तत्वों पर सख्त निगरानी जरूरी है, तब एसआईआर जैसी व्यवस्थाएं और भी अहम हो जाती हैं. राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर एसआईआर को लेकर राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है. विपक्ष इसे 'संदिग्ध' बता रहा है, जबकि समर्थक इसे 'बेहतर प्रशासन और सुरक्षित नागरिक अधिकार' की दिशा में बड़ा सुधार बता रहे हैं.

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