मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाए जाने के टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के ऐलान के बाद देशभर की राजनीति गरमाई हुई है. इसे लेकर नेताओं की लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि विपक्ष की ओर से बाबरी मस्जिद का मुद्दा बस राजनीतिक फायदे और विवाद के लिए लगातार उठाया जाता रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि वह दिन दूर नहीं जब मुसलमानों को समझ में आ जाएगा कि भय और तुष्टिकरण से उन्हें ठगने की कोशिश हो रही है.

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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाए जाने के ऐलान के सवाल पर कहा, ''ये तुष्टिकरण की राजनीति है. यह वही राजनीति है जिसने सबसे ज्यादा मुसलमानों का नुकसान करने का काम किया है. ये तथाकथित राजनीतिक दल और इनके नेता इस विवाद को राजनीतिक लाभ के लिए खड़ा करते हैं. मुझे लगता है कि मुसलमान भी इस बात को समझें. किसी और जगह पर बाबरी मस्जिद बना देने से उनकी आस्था को सम्मान मिल जाएगा?'' 

'बाबरी मस्जिद को लेकर बयान के कोई मायने नहीं'

एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने आगे कहा, ''मुसलमानों को भी समझना चाहिए ये राजनीतिक फायदे के लिए दिया गया बयान है. मैं नहीं मानता हूं कि इस तरह के बयान के कोई मायने हैं. इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि मुसलमान परिवार में कितने लोग शिक्षित हुए, कितने लोग तालीम हासिल कर सके? क्या उनके पास रोजमर्रा की जिंदगी जीने की सुविधाएं हैं या नहीं हैं?''

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हुमायूं कबीर ने क्या कहा?

टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में एक मस्जिद बनवाने का ऐलान किया है. उन्होंने इस मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखने की बात कही है. न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में हुमायूं कबीर ने कहा था, "हम 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखेंगे. इसे पूरा होने में 3 साल लगेंगे.'' हुमायूं कबीर के इसी बयान के बाद सियासी विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी समेत अन्य पार्टियों के नेता भी हमलावर हैं.