पटनाआरजेडी सांसद मनोज झा (RJD Manoj Jha) का अपने ही घर में विरोध होने लगा है. मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल (Women Reservation Bill) में एससी-एसटी और ओबीसी कैटेगरी की महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग करते हुए सदन में ऐसी टिप्पणी कर दी कि आरजेडी के विधायक चेतन आनंद (Chetan Anand) ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार (26 सितंबर) को चेतन आनंद ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह मनोज झा के विचारों का पुरजोर विरोध करते हैं.


चेतन आनंद ने फेसबुक पर क्या लिखा?


चेतन आनंद ने फेसबुक पर लिखा- "हम "ठाकुर" हैं साहब!! सबको साथ लेकर चलते हैं! इतिहास में सबसे अधिक बलिदान हमारा है! समाजवाद में किसी एक जाती को टार्गेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अलावा कुछ नहीं! जब हम दूसरों के बारे में गलत नहीं सुन सकते तो अपने (ठाकुरों) पर अभद्र टिप्पणी बिल्कुल नहीं बर्दाश्त करेंगे!! #माननीय_संसद_श्री_मनोज_झा_के_विचारों_का_पुरजोर_विरोध!"



अब समझें चेतन आनंद के विरोध करने की वजह


महिला आरक्षण बिल पर सदन में अपनी बात रखते हुए आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा था कि इस बिल को दया भाव की तरह पेश किया जा रहा है. उन्होंने कहा था कि दया कभी अधिकार की श्रेणी में नहीं आ सकता है. आखिरी में उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता पढ़कर अंदर के ठाकुरों को मारने का आह्वान किया था.


पढ़ें वो कविता जिसे मनोज झा ने सदन में सुनाया


"चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का। भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की। कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?" मनोज झा के इसी बयान पर अब चेतन आनंद ने फेसबुक पोस्ट कर उनके विचारों का विरोध किया है.


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