पटनाः लोक आस्था के महापर्व चैती छठ का आज तीसरा दिन है. आज व्रती पहला अर्घ्य देंगे. इसके बाद कल सुबह उदगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही यह व्रत समाप्त हो जाएगा. पटना में घाटों पर छठ के दौरान भीड़ लगती है. ऐसे में ट्रैफिक रूट में भी बदलाव किए गए हैं. नए ट्रैफिक प्लान को जान लें ताकी घाट पर जाने या किसी और रूट में जाने में आपको परेशानी न हो.

Continues below advertisement

पटना में दो दिनों के लिए ट्रैफिक रूट में बदलाव किए गए हैं. आज सात अप्रैल को दोपहर दो बजे से शाम के सात बजे तक और कल आठ अप्रैल को सुबह चार बजे से सुबह आठ बजे तक के लिए बदलाव किए गए हैं. गंगा किनारे के सभी मुख्य सड़क एवं गंगा किनारे की तरफ को जोड़ने वाली सड़कों पर व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है.

यह भी पढ़ें- Bihar Politics: जेल में बंद अनंत सिंह के पास मिला मोबाइल, फोन नंबर लिखी पर्ची भी बरामद, पटना DM ने लिया एक्शन

Continues below advertisement

ये हैं रूट जहां किए गए बदलाव

दीदारगंज से अशोक राजपथ के रास्ते में आने वाले कटरा, मालसलामी, चौक, पश्चिम दरवाजा, गायघाट, महेंद्रु होते हुए कारगिल चौक तक अशोक राजपथ पर व्यावसायिक वाहनों का परिचालन बंद रहेगा. इसके बाद कारगिल चौक से गोलघर, कुर्जी मोड़, दीघा होते हुए दानापुर शाहपुर तक व्यवसायिक बहनों का परिचालन बंद रहेगा.

बाईपास थाना से गुरु गोविंद सिंह पथ जाने वाली सड़क पर व्यावसायिक वाहनों का परिचालन बंद रहेगा. छठ व्रती पटना साहिब रेलवे स्टेशन के पास आरओबी के नीचे, सिटी स्कूल और मंगल तालाब में गाड़ियों की पार्किंग कर सकेंगे. धुनकी मोड़ से शीतला मंदिर होते हुए गायघाट तक जाने वाले पथ पर व्यवसायिक वाहन पर रोक है. बाईपास के कर्मलीचक से पटना साहिब स्टेशन तक जाने वाले व्यावसायिक वाहनों का परिचालन भी बंद रहेगा.

पटना साहिब स्टेशन से मारूफगंज मोड़ होते हुए गंगा घाट तक पैदल यात्रा किया जाएगा. दीदारगंज से मालसलामी जाने तक के अशोक राजपथ में के किनारे गंगा घाटों पर छठ करने वालों को कटरा बाजार समिति में पार्किंग स्थल बनाया गया है. यहां पर गंगा घाट तक पैदल यात्रा किया जाएगा.

दीघा-आशियाना रोड में आशियाना मोड़ से व्यावसायिक वाहनों का परिचालन बंद कर दिया गया है. इसमें आशियाना से रामजीवन चक (दीघा) के रास्ते रूपसपुर मैहर नहर से परिचालन किया जाएगा. 

यह भी पढ़ें- Exclusive: CM नीतीश के मंत्री ने बता दी शराबबंदी कानून में संशोधन की असली वजह, पढ़ें- क्यों मुख्यमंत्री का बदल गया 'मूड'