Caste Census News: देश में जातीय गणना कराने के केंद्र सरकार के ऐलान के बाद बिहार में राजनीति अपने शबाब पर है. यानी बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों को एक दूसरे पर बयानबाजी का अच्छा मुद्दा मिल गया है. सभी अपने नफे नुकसान के हिसाब से इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. साथ ही क्रेडिट लेने की होड़ भी मची हुई है. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने गुरुवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि '30 साल से हमारी यही मांग थी.'
 
जीतन राम मांझी ने क्या कहा?
 
बोधगया में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रीय जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने पर कहा, "जाति जनगणना कराने के लिए विभिन्न दलों के बीच लंबे समय से चर्चा चल रही थी. एक साल पहले हमने बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक सर्वदलीय बैठक की और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की. उस समय उन्होंने कहा था कि हम इस पर विचार कर रहे हैं लेकिन राज्य चाहे तो इसे करा सकता है, फिर नीतीश कुमार और कुछ राज्यों ने जाति आधारित गणना कराई"

 
उन्होंने आगे कहा कि अब भारत सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है, जो बहुत ही सराहनीय है. इससे हर वर्ग के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा. जो लोग आज कहते हैं कि 30 साल से हमारी यही मांग थी, तो 30 साल पहले किसका शासन था? 2014 से पहले किसका शासन था? अगर वे चाहते तो क्या जाति जनगणना नहीं करा सकते थे? वे कुछ नहीं करते, सिर्फ चिल्लाते हैं."
 
तेजस्वी यादव ने लिया था श्रेय
 
दरअसल जाति जनगणना के ऐलान के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था कि देश के हर एजेंडे पर सरकार पीछे और लालू यादव आगे हैं. लालू जी की ये सोच 30 साल पुरानी थी, हमने जो लड़ाई लड़ी वो पूरी हुई. हमारी लड़ाई ही इन लोगों के लिए मजबूरी बनी.