पटना: साल 2021 में प्रस्तावित जनगणना (census) को जाति के आधार पर कराने को लेकर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की. इस दौरान उनके साथ बिहार विधानसभा की 10 पार्टियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे. सभी ने जातीय जनगणना (Caste Based Census) कराने को लेकर प्रधानमंत्री से बातचीत की. मीटिंग के बाद मंगलवार को नीतीश कुमार पटना लौटे, जहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की. 


पीएम मोदी ने सभी की बातों को सुना


इस दौरान उन्होंने कहा, " प्रधानमंत्री से हमलोगों ने मिलने के लिए आग्रह किया था. उन्होंने कल 11 बजे का समय दिया था, तो हमलोगों ने उनसे मुलाकात की. करीब 40 से 45 मिनट तक बातचीत हुई. हमने अपनी बातें रखी हैं. सभी एकमत थे कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए. उसका लाभ है. ये सबके हित में है. उन्होंने सबकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना. लेकिन निर्णय उन्हें ही लेना है. "


पत्र में दे दी थी सारी जानकारी 


मुख्यमंत्री ने कहा, " हमलोगों ने पूरे तौर पर अपनी बातें रख दी हैं. इसके पहले जो हमने पत्र लिखा था, उसमें भी हमने सारी जानकारी दे दी थी. लेकिन कल इस पर विस्तृत चर्चा हुई. जातीय जनगणना देश हित में है. अंतिम बार ये अंग्रेजों के समय में ही हुआ था और उसको ही आधार मानकर चला जाता है. लेकिन ये उपयुक्त नहीं है. इसलिए अब ये एक बार जरूर होना चाहिए. सरकार को भी इसका लाभ मिलेगा. वो जिनको आगे बढ़ाने चाहते हैं, उनकी संख्या कितनी है, कितना होना चाहिए इन सब पर निर्णय लेने में सुविधा होगी."


जातीय जनगणना देश का मामला


नीतीश कुमार ने कहा, " ये केवल बिहार का नहीं, ये पूरे देश का मामला है. इससे देश भर का आंकड़ा पता चलेगा. इसको लेकर बाकी राज्यों से भी मांग उठ रही है. सभी लोगों की इच्छा है. तो हमारे समझ से केंद्र सरकार इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगी. लेकिन निर्णय लेने का हक उनको है. हालांकि, जिस गंभीरता ने प्रधानमंत्री ने हमें सुना है, हमें लगता है कि वो विचार कर सही निर्णय लेंगे." 


निजीकरण पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी जानकारी होने पर कोई प्रतिक्रिया दूंगा. जहां तक पटना एयरपोर्ट की बात है, तो राज्य सरकार के तरफ से हमलोग ने इतना किया है. कुछ माह पहले ही उनके राय के अनुसार सभी कुछ दिया गया है.


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