बक्सर: भारत माता ने अपने एक और वीर सपूत को खो दिया है. एक जून को जम्मू काश्मीर में शहीद हुए जवान विक्रम सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक गांव चौगाई प्रखंड अंतर्गत फफदर गांव पहुंचा. जैसे ही जवान का शव गांव पहुंचा वैसे ही भारत माता की जयकारा से पूरा इलाका गूंज उठा. जवान की एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. हर किसी ने नम आंखों से शहीद जवान को विदाई दी.


जानकारी के मुताबिक, फ़फदर गांव के रहने वाले विक्रम सिंह भारत सरकार का हथियार ले जा रहे थे, उसी के क्रम में उनकी वाहन जम्मू के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसकी चपेट में आने से उनकी मौत हो गई. बताया जाता है कि विक्रम सिंह और उनके पिता कमलेश सिंह एक ही बटालियन में कार्यरत थे. 53 आर्मर्ड गंगा नगर में उनकी पोस्टिंग थी. मिली जानकारी के अनुसार भटिंडा से हथियारों का खेप लेकर सेना का चार ट्रक जम्मू जा रहा था, उसी दौरान विक्रम सिंह का ट्रक उधमपुर के पास पलट गया, जिसके कारण यह दुखद हादसा हो गया.


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राजकीय सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार


शनिवार को सेना के जवान विक्रम सिंह का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पहुंचा तो दानापुर बटालियन से लेकर स्थानीय प्रशासन की भी मौजूदगी रही. नम आंखों के साथ सभी ने उनका अंतिम दर्शन किया. गांव से शहीद विक्रम सिंह का पार्थिव शरीर बक्सर श्मशान घाट पर लाया गया, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान सेना के जवानों ने एक साथ उन्हें सलामी दी. जानकारी देते हुए शहीद के चाचा अशोक सिंह ने बताया कि शहीद विक्रम सिंह मेरा ही नतीजा था, जो ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया. उस पर बक्सर के साथ-साथ पूरा देश को गर्व है.


तिरंगे में लिपटे जवान के शव यात्रा में उमड़ी लोगों की भीड़


वहीं, शहीद जवान के अंतिम संस्कार में पहुंचे चौगाई प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी तेज बहादुर सुमन ने बताया कि शहीद हुए जवान विक्रम सिंह मेरे ही प्रखंड के फफदर गांव के रहने वाले थे, जिनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया. बहरहाल, शहीद जवान विक्रम सिंह की शहादत पर पूरे जिले के लोगों को गर्व है. वहीं, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. तिरंगे में लिपटे जवान के शव यात्रा में मानो पूरे जिले के लोग ही उमड़ पड़े थे.


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