जमुई: जिले के सोनो बाजार के समीप बरनार नदी चुरहैत घाट में तकरीबन 15 वर्ष पहले पुलिया निर्माण की स्वीकृति बिहार सरकार ने दी थी. पुल मूसलाधार बारिश के कारण शुक्रवार की शाम को पुल क्षतिग्रस्त हो गया. इस पुल के लगभग 8 पिलर धंस गए. इस कारण पुल एक और झुक गया है. इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार, अंचलाधिकारी राजेश कुमार के द्वारा तीन पहिया वाहन से लेकर बड़े वाहनों पर रोक लगा दिया गया. बता दें कि इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से चरकापत्थर थाना क्षेत्र के अंतर्गत दर्जनों गांव के लोगों का प्रखंड मुख्यालय कनेक्शन कट गया.


पिलर के पास से भी बालू का दोहन कर लिया गया था- ग्रामीण


जमुई जिले में लगातार दो दिनों से बारिश होने के कारण बरनार नदी में बाढ़ आ गई, जिसके कारण पानी के तेज बहाव से पुल क्षतिग्रस्त हो गया. इसके कारण लाखों लोगों का संपर्क जमुई मुख्यालय से टूट गया है. क्षतिग्रस्त पुलिया देखने से लगता है कि यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ग्रामीणों की माने तो मनमानी ढंग से बालू उठाव से इस पुल पर प्रभाव पड़ा था. ग्रामीणों का कहना है कि बालू उठाव तो हो ही रहा था. इसके साथ ही पुल के नीचे बने पिलर के पास से भी बालू का दोहन कर लिया गया था.


ग्रामीणों ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप


ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी बाढ़ आई थी, लेकिन पुल क्षतिग्रस्त नहीं हुआ. इस साल जबकि पुल के नीचे पिलर के पास से भी अत्यधिक बालू का उठाव किया गया. प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के विरोध को अनसुना कर दिया गया. परिणाम स्वरूप लगभग डेढ़ लाख से अधिक आबादी को इसका खामियाजा भुगतान पड़ रहा है. ग्रामीणों द्वारा 13 सालों से इस पुल का प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन यह पुल कब बनेगा? ग्रामीणों की परेशानी कब खत्म होगी? यह अभी कहा नहीं जा सकता है.


प्रशासन ने पुल पर आवागमन किया बंद


वहीं, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जानकारी मिलने पर अंचलाधिकारी राजेश कुमार, थानाध्यक्ष चितरंजन कुमार दलबल के साथ पुल पर पहुंचे. क्षतिग्रस्त पुल का मुआयना करने के बाद बड़ा हादसा को रोकने के लिए सोनो और चुरहैत के ग्रामीणों की मदद से दोनों और बैरिकेटिंग कर पुल पर परिचालन को पूरी तरह से बंद कर दिया.


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