पटनाबिहार सरकार के शिक्षा विभाग में पिछले तीन महीने में 2 लाख से अधिक नए शिक्षकों की बहाली बीपीएससी की ओर से की गई है. आगे भी बहाली होने वाली है. वहीं चार लाख के करीब नियोजित शिक्षक भी स्कूलों में अपना योगदान दे रहे हैं. इन सभी शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश जारी किया है. बीते मंगलवार (6 फरवरी) को शिक्षा विभाग से पत्र जारी हुआ है और आज बुधवार (7 फरवरी) तक वेतन भुगतान के लिए कहा गया है.


शिक्षा विभाग के निदेशक प्रशासन सह अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने पत्र जारी करते हुए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि नियोजित शिक्षकों एवं बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित विद्यालय अध्यापकों का वेतन भुगतान 7 फरवरी  को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर लिया जाए. उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा है कि इन विद्यालय अध्यापकों के वेतन भुगतान में अनावश्यक विलंब एवं किसी प्रकार की लापरवाही मान्य नहीं है. इसके लिए जवाबदेह पदाधिकारी के विरुद्ध कठोर अनुसात्मक कार्रवाई की जाएगी. अंत में लिखा गया है इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.


नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान में क्यों होता है विलंब?


सरकार के सभी विभागों में जब समय से ही सैलरी मिल जाती है तो शिक्षकों के वेतन में इतना विलंब क्यों होता है? एक नियोजित शिक्षक ने बताया कि उन लोगों की सैलरी तो चार-पांच महीना पहले तक तो एक-एक महीने लेट करके आती थी, लेकिन पिछले दो-तीन महीने से 10 से 12 तारीख तक वेतन आ जाता है. वेतन लेट मिलने की बड़ी वजह यह है कि नियोजित शिक्षकों की सैलरी सर्व शिक्षा अभियान जिसका नाम अब समग्र शिक्षा अनुदान कर दिया गया है उसके तहत मिलती है. हर महीना उसका आवंटन होता है जो जिला शिक्षा पदाधिकारी के खाते में जाता है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से शिक्षकों के अकाउंट में पैसा भेजा जाता है. हालांकि जो नियमित शिक्षक यानी बिहार सरकार के कर्मी हैं उन लोगों की सैलरी बिहार सरकार की ट्रेजरी से मिलती है और उन लोगों की सैलरी मिल भी गई है.


अब सवाल है कि बीपीएससी से जो नए शिक्षक बहाल हुए हैं वह राज्यकर्मी हैं फिर उनकी सैलरी के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश क्यों देना पड़ा? एक पुराने शिक्षक भोला पासवान ने बताया कि बिहार सरकार ने शिक्षकों को बहाल तो कर दिया है लेकिन अभी तक उन्हें बिहार सरकार की ट्रेजरी से अंकित नहीं किया गया है. उन लोग का वेतन भी सर्व शिक्षा अभियान के तहत ही मिल रहा है. आवंटन होगा तो सैलरी मिलेगी. अगर दो-तीन महीना आवंटन में लेट होता है तो नियोजित शिक्षकों की तरह इन्हें भी लेट वेतन मिलेगा.


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