पटना: पीएम उम्मीदवार को लेकर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के दिए बयान पर बिहार में बीजेपी (BJP) एक्टिव हो गई है. इस बयान के बाद बीजेपी के नेता नीतीश कुमार पर तंज कस रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने रविवार कहा है कि रीजनल और सीजनल नेता नीतीश कुमार अब तक कंधों की सवारी करके ही पद पाते रहे हैं. 2013 में जब बीजेपी से अलग होकर 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने ताल ठोका तो औकात पता चल गई थी. महज दो सीटों से संतोष करना पड़ा था. मौकापरस्ती के मास्टर नीतीश कुमार मौसम की तरह बदलते-बदलते अब रीजनल के साथ सीजनल नेता भी हो गए हैं.
'हताशा होकर नीतीश कुमार पीएम रेस हो गए बाहर'
विजय सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां नीतीश कुमार को भाव नहीं दी रही है. इससे हताशा होकर नीतीश कुमार ने अपने को पीएम रेस से बाहर कर लिया. कुछ महीने पहले कांग्रेस की सोनिया गांधी से लालू प्रसाद के साथ मिलने की औपचारिकता के साथ कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात के बावजूद नीतीश कुमार को किसी ने तव्वजो नहीं दिया. नीतीश कुमार आज जिस आरएसएस और बीजेपी पर स्तरहीन टिप्पणी कर रहे हैं उसने ही उन्हें 2000 में मात्र 7 विधायकों और 2020 में तीसरे स्थान पर आने वाली पार्टी के नेता को सीएम की कुर्सी पर बैठाया.
नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं- नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा है कि राहुल गांधी ही पीएम पद के उम्मीदवार होंगे. इससे नीतीश कुमार के पीएम बनने की महत्वाकांक्षा की न केवल भ्रूण हत्या हो गई, बल्कि उनके देशव्यापी अभियान की शुरुआत से पहले ही हवा निकल गई. अपने नए साथी आरजेडी और कांग्रेस को खुश करने के लिए ही दो दिन पहले एक कार्यक्रम में उन्होंने आरएसएस और उस बीजेपी पर ओछी टिप्पणी की थी, जिसके कंधे पर सवारी कर न केवल अपना कद बढ़ाया बल्कि केंद्र से लेकर राज्य तक में पद पाते रहे. दरअसल, नीतीश कुमार अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं, उन्हें न अब देश और न बिहार की जनता ही स्वीकार करेगी.
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