बिहार में नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को भी जगह मिली है. दीपक प्रकाश ने खुद बताया कि वह इसके लिए तैयार नहीं थे. वह तो जींस, शर्ट और चप्पल में पहुंचे थे. उन्हें समारोह शुरू होने से कुछ देर पहले ही बताया गया कि मंत्री पद की शपथ लेनी है. इसलिए उनकी तैयारी भी नहीं थी. 

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बिना विधायक बने, बिना चुनाव लड़े दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया गया. नीतीश कुमार के अन्य 25 मंत्री तो पारंपरिक परिधान में पहुंचे, लेकिन दीपक प्रकाश ने जींस और शर्ट पहनकर ही शपथ ग्रहण की. इस बीच बड़ी चर्चा यह भी शुरू हुई कि अब दीपक प्रकाश को विधायक कैसे बनाया जाएगा? 

JDU या BJP, कौन देगा कुर्बानी?

यह तो तय है कि उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को विधान परिषद भेजा जाना है, लेकिन सवाल उठता है कि कैसे? नियमों के अनुसार, मंत्री बनने के 6 महीने के अंदर उनका विधायक बनना जरूरी है. ऐसे में किस पार्टी से उन्हें एमएलसी बनाया जाएगा, यह चर्चा का विषय है. JDU या बीजेपी... दीपक प्रकाश के लिए अपनी सीट की कुर्बानी कौन देगा?

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इन विधायकों का टर्म हो रहा समाप्त

अगले साल विधान परिषद के 6 विधायकों का टर्म समाप्त हो रहा है. इनमें से चार के नाम हैं- अशोक चौधरी- (JDU) संजय सिंह- (JDU), निवेदिता सिंह (BJP), राजेंद्र गुप्ता (BJP). राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार से जेडीयू के कोटे की सीट दीपक प्रकाश के लिए मांगना आसान नहीं है, इसलिए हो सकता है कि बीजेपी ही अपने कोटे से एक सीट RLM नेता को दे. 

मंत्री बनने के बाद क्या बोले दीपक प्रकाश?

दीपक प्रकाश ने शपथ ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात की और कहा, "उपेंद्र कुशवाहा ने जो मौका दिया, इसके लिए उनका और पार्टी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम करने का मौका मिला है, इसको लेकर काफी अभिभूत हैं. जनता की सेवा करने का मौका मिला है, जो जिम्मेदारी मेरे कंधों पर आई है, अब उसका एहसास हो रहा है. उस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए संकल्पित हूं."