पटना: बिहार विधानसभा (Bihar Legislative Assembly) के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही के तीसरे दिन के दौरान बुधवार को मंत्री जयंत राज (Minister Jayant Raj) की बोलती बंद हो गई. मंत्री की बोलती बंद कराने वाले और कोई नहीं बल्कि बीजेपी (BJP) के विधायक संजय सरावगी (Sanjay Saraogi) थे. दरअसल, सहयोगी दल के विधायक सरावगी ने सदन में सवाल किया था कि दरभंगा के आरईओ के अधीक्षक अभियंता पैसे के साथ अगस्त महीने में ही मुजफ्फरपुर पुलिस के हाथो पकड़े गए था. उनके ठिकानों पर छापेमारी हुई और 67 लाख रुपये भी बरामद हुए. फिर भी वे दो महीने तक पद पर बने रहे.


जयंत राज की बोलती हो गई बंद 


बीजेपी विधायक ने पूछा कि क्या अधीक्षक अभियंता की पहुंच ऊपर तक थी, इसी वजह से उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई? भ्रष्ट इंजीनियर को बचाने पर किए गए सवाल पर ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज की बोलती बंद हो गई. वे इस सवाल का जवाब नहीं दे सके. मंत्री को फंसता देख आस-पास बैठे मंत्री जमा खान (Jama Khan), सुमित सिंह (Sumit Singh) और आलोक रंजन (Alok ranjan) उनकी मदद के लिए अपनी सलाह देते दिखे. इस बीच मंत्री ने केवल इतना ही कहा कि वे छुट्टी पर चले गए थे. अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है.


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विधानसभा अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा


इधर, देखते ही देखते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य इस मामले पर एक साथ हो गए और सदन में हंगामा शुरू हो गया. हंगामा देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay KumarSinha) ने नियमन दे दिया कि सदन की संयुक्त कमिटि पूरे मामले की जांच करेगी. तब जाकर सदन में हंगामा शांत हुआ और कार्यवाही आगे बढ़ाई गई.



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