पटना: नेता विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी (Hari Sahani) ने राज्यपाल से भेंटकर उन्हें बुधवार को ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि बिहार विधान सभा सचिवालय में हो रही नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनियमितता को रोकने हेतु महामहिम हस्तक्षेप करें और उसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं. विजय सिन्हा ने कहा कि कार्य आवंटन के बाद बहाली हेतु चयनित एजेंसी के कहने पर उनकी सुविधानुसार निविदा शर्तो में बदलाव किया गया. सुरक्षित जमा राशि को कम किया गया और एजेंसी को एक मुश्त राशि देने का प्रावधान किया गया.


नेता प्रतिपक्ष ने बिहार सरकार पर साधा निशाना


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ज्ञापन में वर्ष 2000-2005 की अवधि में नियुक्ति में तत्कालीन अध्यक्ष सचिव एवं अन्य कर्मियों पर निगरानी ब्यूरों द्वारा चार्जशीट का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि विधान सभा मे बहाली पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त और भाई-भतीजावाद रहित होने चाहिए. ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि विधान सभा सचिवालय को पत्र लिखने के बावजूद बहाली की प्रक्रिया के नाम पर संचिका एवं अन्य कागजात नहीं दिए गए.


'आवश्यकता से अधिक पदों का सृजन किया गया है'


बीजेपी नेता ने कहा कि ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि विधान मंडल में आवश्यकता से अधिक पदों का सृजन किया गया है और नियुक्त किए गए कर्मियों के बैठने की जगह भी नहीं है. ज्ञापन में मांग की गई है कि राज्यपाल इस मामले मे अविलंब हस्तक्षेप करें और भ्रष्टाचार और अनियमितता कर हो रही नियुक्ति पर रोक लगाए. वहीं, इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नियुक्ति में अराजकता फैली हुई है. इस नियुक्ति में घोटला हो रहा है. इसको लेकर बिहार में वसूली का खेल चल रहा है.


ये भी पढे़ं: Bihar News: बांका में सीएम नीतीश ने मॉडल अस्पताल का किया उद्घाटन, लाइब्रेरी में इंग्लिश शब्द देख भड़के, जानें क्या दिए निर्देश