बिहार में सासाराम और बिहारशरीफ हिंसा पर जारी सियासत रुकने नाम नहीं ले रही है.  सड़क से सदन तक सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव जारी है. सदन की कार्यवाही बुधवार को शुरू होते ही बीजेपी के विधायकों ने एक बार फिर से राज्य में हुई सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा उठाया. इस दौरान आसन की ओर से बार-बार अपील के बाद भी सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने पर स्पीकर के आदेश पर बीजेपी विधायक जीवेश मिश्रा को मार्शलों ने सदन से बाहर निकाल दिया. 


मिश्रा ने कार्रवाई को बताया शर्मनाक


सदन से बाहर निकाले गए बीजेपी विधायक जीवेश मिश्रा ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को लोकतंत्र की हत्या बताया. मार्शल की ओर से बाहर निकाले जाते वक्त विधायक ने कहा कि देखिए, ये व्यवहार हो रहा है विपक्ष के साथ. इसके बाद उन्होंने बताया कि बिहार में जो रामनवमी पर दंगा हुआ था, उस पर मैंने मुख्यमंत्री को सदन में आकर जवाब देने के लिए कहा, लेकिन आसन ने निर्लज्जता दिखाते हुए मुझे सदन से बाहर निकलवा दिया. इसके साथ ही उन्होंने आसन पर एक पक्षीय कार्रवाई का भी आरोप लगाया. उन्होंने इसे लोकतंत्र को शर्मसार करने वाली कार्रवाई करार दिया. 



लोगों ने की ऐसी टिप्पणी


विधायक के इस वीडियो पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि आने वाले दिनों में सभी बीजेपी नेताओं के साथ यही होने वाला है. इसलिए जितना जोर लगाना है, 2024 में लगा लें. एक और यूजर ने तत्कालीन बीजेपी-जेडीयू सरकार के वक्त आरजेडी विधायकों की बीच सड़क पर पिटाई का वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि 'जैसी करनी, वैसी भरनी'. वहीं, एक यूजर ने लिखा है कि बचपन याद आ गई, जब प्राइमरी स्कूल के मास्टर साहब बच्चों को घर भेज कर हेलीकॉप्टर स्टाइल में हमें टंगवा देते थे.


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