बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एनडीए के निशाने पर आ गए हैं. दरअसल बुधवार (3 दिसबंर) को सदन में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का अभिभाषण हुआ. इस दौरान उनका माइक भी खराब हुआ. इसी बीच तेजस्वी यादव सदन में सत्र के तीसरे दिन को लेकर चर्चा में हैं. मगंलवार (2 दिसंबर) को उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में चुना गया है. वहीं तेजस्वी यादव तीसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन से गायब रहे. इस पर एनडीए की ओर से निशाना साधा जा रहा है.

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एलजेपी (आर) ने साधा निशाना

चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) के विधानमंडल दल के नेता राजू तिवारी ने कहा, "तेजस्वी यादव गंभीर नहीं हैं. उनको सदन से जनता से कोई मतलब नहीं है. हमेशा गायब रहते हैं. वे अपनी भूमिका अदा नहीं कर पा रहे हैं. विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है." उन्होंने कहा कि आज इतना अहम दिन था. राज्यपाल का अभिभाषण हुआ. विधायकों विधान पार्षदों को उन्होंने संबोधित किया. सरकार का क्या एजेंडा नीतियां रहेंगी इसकी जानकारी दी और इस सबके बीच नेता प्रतिपक्ष ही मौजूद नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि आप बड़े पद पर हैं, नहीं आ कर क्या संदेश देना चाहते हैं?

बीजेपी भी तेजस्वी यादव पर बरसी

बीजेपी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक नीरज बबलू ने मामले पर कहा कि तेजस्वी को जनता ने रिजेक्ट कर दिया. इसलिए वो हताश व परेशान हैं और भागे हुए हैं. आज बिलकुल उनको राज्यपाल के अभिभाषण में रहना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वे जिम्मेदारी निभाना नहीं चाहते ना बिहार के विकास से मतलब है.

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मामले पर आरजेडी ने किया पलटवार

इस बीच प्रकरण पर आरजेडी MLC उर्मिल ठाकुर ने कहा कि आज राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कोई बहस नहीं होनी थी कि तेजस्वी यादव मौजूद रहें. बिना तेजस्वी का नाम लिए इन लोगों की राजनीति नहीं चल सकती है. यह कोई मुद्दा नहीं है. आरजेडी के अन्य विधायक विधान पार्षद तो मौजूद हैं 

बता दें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मतलब मंगलवार (1 दिसंबर) की शाम को पटना से दिल्ली रवाना हो गए. तेजस्वी यादव अचानक से दिल्ली गए. इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से भी कोई बातचीत नहीं की.