पटना: पूरा बिहार कोरोना से त्राहिमाम कर रहा है. संक्रमण ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि रोजाना सैकड़ों नए केस सामने आ रहे हैं. लेकिन जांच की संख्या नहीं बढ़ रही. विपक्षी नेता तो पहले से ही राज्य में कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की मांग उठा रहे हैं और अब तो सत्ताधारी पक्ष के नेता भी सरकार और सरकारी तंत्र से गुहार लगाने लगे हैं. केंद्रीय मंत्री और पटना से सांसद रविशंकर प्रसाद ने राजधानी में कोरोना के फैलाव को देखते हुए रविवार को स्थिति की गहन समीक्षा की. उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, AIIMS पटना के निदेशक और पटना के जिलाधिकारी समेत अन्य सम्बंधित लोगों से इस विषय पर विस्तार से चर्चा की.
इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और मुख्य सचिव से विशेष आग्रह किया कि कोरोना की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ये बहुत जरूरी है कि कोरोना के लिए समर्पित अस्पतालों की संख्या बढाई जाए. उन्होंने इस बात पर विशेष रूप से बल दिया की पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए एक अलग से विंग बनाया जाए. उन्होंने ये भी आग्रह किया कि पटना में जो बड़े निजी अस्पताल हैं, वहां भी कोरोना के इलाज की व्यवस्था हो और इसके लिए सरकार पहल करे. इससे सरकारी अस्पताल पर दबाव कुछ कम होगा. उन्होंने विशेष रूप से आग्रह किया कि AIIIMS पटना के ऊपर दबाव को देखते हुए वहां बेड की संख्या बढ़ाई जाए और ICU का विस्तार किया जाए.
बैठक के दौरान प्रसाद ने बिहटा स्थित ESI अस्पताल को भी कोरोना के इलाज के लिए जल्दी विकसित करने का आग्रह किया. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव से यह बात जोर देकर कहा कि जहां डॉक्टर की कमी है वहां और डॉक्टर की व्यवस्था की जाए. साथ ऑक्सीजन, पर्याप्त मास्क, ग्लव्स और वेंटिलेटर आदि की सुविधा रहे. उन्होंने सभी डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों से अपील करते हुए कहा है कि यह बहुत ही चुनौती भरा समय है और वे अपने सेवा भाव की परम्परा के अनुसार तत्पर रहें. यही जनता की अपेक्षा है.
स्वरा भास्कर ने किया ट्वीट ऐसे में रविवार को बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने ट्वीट कर इस मुद्दे को उठाया है. स्वरा ने ट्वीट कर लिखा, "बिहार कोरोना हॉटस्पॉट बनता जा रहा है. देशभर में सबसे कम जांच करने वाले राज्य के साथ ही बिहार रोजाना सबसे अधिक नए मरीज मिलने वाला राज्य बन चुका है. बिहार में अधिक से अधिक जांच की जरूरत है. केवल लॉकडाउन करने से कुछ नहीं होगा. जांच की संख्या में वृद्धि करें."
सीतामढ़ी के सांसद ने ज़िलाधिकारी को लिखा पत्र इधर, बिहार के सीतामढ़ी के जेडीयू सांसद सुनील कुमार पिंटू ने स्वास्थ्यकर्मियों की हरकत से तंग आकर जिलाधिकारी को पत्र लिख स्थिति में सुधार के साथ ही लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है. सुनील का कहना है कि सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्पष्ट निर्देश है कि जिला अस्पतालों के साथ-साथ अनुमंडल स्तरीय अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमण की जांच की जाए.
लेकिन लगातार सीतामढ़ी में यह शिकायत आ रही है कि वैसे व्यक्ति जो अपने आप में थोड़ा संदेह महसूस कर रहे हैं कि वो संक्रमित हैं, और अपनी जांच कराने जब कोरोना जांच सेंटर पर जा रहे हैं, तो वहां पर जांच कर्मी उनसे आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के आलोक में सीतामढ़ी जिलाधिकारी को एक पत्र दिया और आग्रह किया कि आप अपने स्तर से इस बात को सुनिश्चित करें कि हर सेंटर पर जो भी स्वास्थ्यकर्मी है, वो जांच के लिए आए हर शख्स की जांच करें. क्योंकि अगर कोई संक्रमित है और उसकी जांच नहीं हो रही और वो समाज में घूम रहा है, तो वो बीमारी फैला रहा है.
सुनील कुमार ने कहा कि ऐसे व्यक्ति की जांच ना होना एक अपराध है. इसलिए जिला प्रशासन ऐसे कर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि अधिक से अधिक जो भी लोग खुद को संक्रमित महसूस कर रहे हैं, उनकी जांच हो.
मालूम हो कि पूरे बिहार में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. संक्रमण ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि रोजना सैकड़ों नए केस सामने आ रहे हैं. पिछले 24 घंटे में 638 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद सूबे में संक्रमित मरीजों की संख्या 26,379 हो गई है. मरीज की संख्या में तेजी से वृद्धि जारी है, रोजाना रिकवरी रेट गिरती जा रही है, लेकिन जांच की संख्या जस की तस बनी हुई है. कोरोना से उत्पन्न स्थिति की फिक्र सभी को है, लेकिन उससे निपटने की ओर किए जा रहे काम की किसी को चिंता नहीं.
ये भी पढ़ें जानिए आखिर 5 अगस्त को ही क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या आने के लिए चुना, ये रही वजह राजस्थान ऑडियो टेप मामला: कांग्रेस ने मांगा गजेंद्र सिंह शेखावत का इस्तीफा, पूछा- सरकार CBI की धमकी क्यों दे रही है