Lalan Singh Mimicked Lalu Yadav: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को दिल्ली से पटना वापस लौट आए. उनके साथ उनके करीबी और केंद्र सरकार के मंत्री ललन सिंह भी पटना पहुंचे. पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों ने जब ललन सिंह से सवाल पूछा कि लालू यादव कह रहे हैं कि कुंभ फालतू है, इस पर उन्होंने तंज  कसते हुए कहा कि लालू यादव की बात को कभी भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.

'लालू यादव के पुराने वक्तव्यों का रिकॉर्ड निकालिए'

ललन सिंह ने कहा कि लालू यादव के पुराने वक्तव्यों का रिकॉर्ड निकालिए. जब उनके शासनकाल में बिहार में बाढ़ आती थी तो बाढ़ से निपटारा करने के बजाय, बाढ़ पीड़ित जनता की सेवा करने, जनता को राहत देने के बजाय वह क्या कहते थे? उसके बाद ललन सिंह ने लालू की आवाज में मिमिक्री करते हुए कहा, 'अरे बाढ़ आता है, नया नया तरह-तरह की मछली मिलता हैं, गरीब लोग मछली खाता है, बाढ़ तो बढ़िये है'.

आगे उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार का शासन काल आया तो 2006-07 में जब बिहार में बाढ़ आई थी, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हर बाढ़ प्रभावित परिवार तक एक क्विंटल अनाज पहुंचाया. यही वजह है कि मिथिलांचल के लोग उन्हें 'कुंटलिया बाबा' कहने लगे थे.

वही लालू यादव का बयान हम बिहार में एनडीए सरका नहीं बनने देंगे. इस पर ललन सिंह ने तंज कसते हुए कहा, "वे तो बीते 20 साल से सरकार बनने से रोक रहे हैं, लेकिन कुछ कर नहीं पाए. जब वे जेल में थे, तब भी कुछ नहीं कर सके. बिहार की जनता अब 2005 से पहले के दौर को भूल नहीं सकती. वह पुराने दौर में लौटना नहीं चाहती है." अभी देखिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश के हर जिले का दौरा कर रहे हैं. इसके अलावा अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहे हैं.

विपक्ष के जरिए दिए गए बयान नीतीश कुमार थक चुके हैं पर ललन सिंह ने कहा कि राजनीतिक विरोधियों के पास कोई काम नहीं है, वे कुछ न कुछ तो बोलेंगे ही. वे अपनी भूमिका निभा रहे हैं. दरअसल, वे 'परमानेंट विरोधी दल' बने रहना चाहते हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि "जो लोग आज लालू यादव का विरोध कर रहे हैं, वे कल उन्हें भारत रत्न देने की मांग करेंगे. इस पर ललन सिंह ने कहा कि वे अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं. लालू यादव को आखिर किस बात के लिए भारत रत्न मिलना चाहिए? बिहार को बर्बाद करने के लिए? अपराधियों का राज कायम करने के लिए? 1990 से 2005 के बीच बिहार की क्या स्थिति थी, यह किसी से छुपा नहीं है.

किस बात पर मिलना चाहिए भारत रत्न- ललन सिंह

उन्होंने कहा कि उस समय न सड़क थी, न बिजली, न कानून-व्यवस्था. उस दौर में बिहार का सालाना बजट मात्र 25-28 हजार करोड़ रुपये का था, जबकि आज नीतीश कुमार के शासन में यह 270 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह कोई पेड़ नहीं था, जिस पर खाद-पानी डालकर बजट बढ़ा दिया गया है. नीतीश कुमार ने ईमानदारी से जनता का पैसा जनता के विकास में लगाया है. ललन सिंह ने कहा कि लालू यादव के शासन में चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला, स्लेट घोटाला और न जाने कितने घोटाले हुए. तो लालू को इसी सब काम के लिए भारत रत्न मिलना चाहिए क्या? 

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