बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक तेज और सुविधाजनक हो गई है. राज्य में अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ज्यादा समय नहीं लगेगा. परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए निर्देश जारी किया है कि ड्राइविंग टेस्ट पास करने वाले योग्य आवेदकों को महज 24 घंटे के भीतर चिप-रहित लैमिनेटेड ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराया जाएगा. इस निर्णय से आम लोगों को लंबे इंतजार से राहत मिलेगी.

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लापरवाही बर्दाश्त नहीं- परिवहन मंत्री

परिवहन एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित एजेंसी को सख्त निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अब तक डीएल जारी करने में एक सप्ताह से लेकर 10 दिन तक का समय लग रहा था, जिससे आवेदकों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता था. मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह व्यवस्था जनता की सुविधा के लिए है. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी.

सभी जिलों में प्रिंटिंग व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश

परिवहन मंत्री ने चयनित एजेंसी को निर्देश दिया कि सभी जिलों में चिप-रहित लैमिनेटेड ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) की प्रिंटिंग प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. साथ ही हर जिले में कम से कम 90 दिनों की कार्ड प्रिंटिंग सामग्री हमेशा उपलब्ध रखी जाए. यदि एजेंसी इन निर्देशों का पालन नहीं करती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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हर महीने 55 हजार से अधिक डीएल आवेदन

राज्य में हर महीने 55 हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन जिला परिवहन कार्यालयों को प्राप्त हो रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मंगलवार (16 दिसंबर) को कुल 1,840 ऑनलाइन आवेदन दर्ज किए गए. इनमें सबसे अधिक 234 आवेदन मुजफ्फरपुर जिले से आए. इसके बाद पटना से 163, गोपालगंज से 88 और समस्तीपुर व भागलपुर से 87-87 आवेदन प्राप्त हुए.

डीटीओ को प्रक्रिया तेज करने के निर्देश

परिवहन मंत्री ने सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों (डीटीओ) को डीएल निर्गत करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी है. आवेदक परिवहन मंत्रालय के ‘सारथी पोर्टल’ (sarathi.parivahan.gov.in) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.