विपक्ष के विरोध के बीच विकसित भारत-जी राम जी विधेयक 2025 (Viksit Bharat Guarantee For Rozgar & Ajeevika Mission Gramin Bill 2025) गुरुवार (18 दिसंबर) को लोकसभा से पास हो गया. विपक्ष ने इसे संसद की स्थायी समिति या संयुक्त समिति के पास भेजने की मांग की. इस मांग को अस्वीकार कर दिया गया. इस बीच केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान की प्रतिक्रिया सामने आई है.
ये नाम बदलने की बात नहीं है- चिराग
चिराग पासवान ने कहा, "ये नाम बदलने की बात नहीं है. नई योजना है, योजनाओं का विस्तार है. क्या नरेगा को मनरेगा नहीं किया गया था? समय-समय पर जब आप योजनाओं का विस्तार करते हैं, योजनाओं को आगे लेकर जाने का काम करते हैं तो वो नई सोच के साथ आता है. नए नाम के साथ आता है. ऐसे में महात्मा गांधी की सोच-विचार से कैसे कोई इनकार कर सकता है."
इसके आगे उन्होंने कहा, "क्या ये महात्मा गांधी के गांधी जी के विचारों के अनुरूप था, जिस तरीके का आचरण विपक्ष के नेताओं के द्वारा किया गया? क्या आज महात्मा गांधी की आत्मा को ठेस नहीं पहुंची होगी?"
मर्यादाओं को ध्वस्त करना स्वीकार नहीं- चिराग
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने आगे कहा, "विरोध का अधिकार आपको है. अगर कोई परेशानी है तो उसे व्यक्त करिए. लेकिन मर्यादाओं को ध्वस्त कर आप अपनी सोच को बढ़ाना चाहते हैं ये कतई स्वीकार नहीं है. जिस तरीके से आज चेयर को अपमानित किया गया, जिस तरीके से कागज फाड़े गए, प्लेन बनाकर चेयर की तरफ फेंके गए और हद तो तब हो गई जब कांग्रेस के सांसद चेयर के सामने खड़े हो गए."
देश की सबसे पुरानी पार्टी ने परंपराओं को ध्वस्त किया- चिराग
चिराग पासवान ने ये भी कहा कि कल इसको लेकर आठ घंटे की चर्चा हुई है. 99 लोगों ने इसमें भाग लिया. आपको अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया गया. लेकिन उसके बाद इस तरीके का आचरण गलत है. देश की सबसे पुरानी पार्टी ने परंपराओं को ध्वस्त करने का काम किया ये गलत बात है.