पटना: शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद जेडीयू नेताओं की ओर से लगातार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग उठाई जा रही है. जेडीयू नेता एक स्वर में तेजस्वी को भ्रष्टाचार मामले में आरोपित बताते हुए उन्हें नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने को कह रहे हैं. ऐसे में जेडीयू नेताओं के सभी वार पर पलटवार करते हुए कहा कि जेडीयू और नीतीश कुमार को विधानसभा चुनाव में हुई उनकी हार पर मंथन करना चाहिए.


पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के इस्तीफे पर कहा कि इस बार का बिहार का जनादेश जो था, वो बदलाव का था. सब लोग जानते थे कि मेवालाल पर किस मामले में एफआईआर दर्ज हैं. इसके बावजूद उन्हें टिकट दिया गया और जब वो जीतकर आएं तो उन्हें मंत्री बनाया गया.


तेजस्वी ने कहा, " हमने लगातार इसके खिलाफ आवाज उठाई. अभी तो कई ऐसे मंत्री हैं जिन्हें नीतीश कुमार ने मंत्री बनाने का काम किया है. नीतीश कुमार के पिछले कार्यालय में मुजफ्फरपुर बालिका कांड में जिनकी संलिप्तता थी, वो मंत्री बनकर घुम रहे थे. हम हमलोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं और उठाते रहेंगे. "


दरसअल, तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी जिन्हें शिक्षा विभाग की जिममेदारी सौंपी गई थी, वो कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नियुक्ति घोटाले में आरोपित हैं. उन्हें कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए थे. एक दागी नेता को मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष लगातार सीएम नीतीश के जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े कर रही थी. वहीं, नियुक्ति घोटाला मामले में आरोपित मेवलाल को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे.


बता दें कि मेवालाल चौधरी नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं. 2010 में जब उनको जब कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का कुलपति बनाया गया तो उनकी पत्नी नीता चौधरी जेडीयू से विधायक बनीं थी. लेकिन जब नियोजन घोटाले में उनका नाम आया और विपक्ष में रहे सुशील मोदी ने सदन में यह मुद्दा उठाया तो नीतीश कुमार को मेवालाल चौधरी को पार्टी से निष्कासित करना पड़ा. हालांकि, जेडीयू ने 2015 में फिर उन्हें टिकट दिया, जिसके बाद वे तारापुर ने विधायक निर्वाचित हुए. इस बार के चुनाव में भी उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की जिसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया था. लेकिन विवादों की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.