बिहार में नई सरकार के गठन के बाद कांग्रेस अब तक अपना विधायक दल का नेता तय नहीं कर पाई है. इस पर सियासी गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कांग्रेस में देरी क्यों हो रही है. इसी मुद्दे पर राजद नेता और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने साफ कहा कि कांग्रेस को अब और देर नहीं करनी चाहिए और अपना नेता जल्द घोषित करना चाहिए.
आईएएनएस से बातचीत में सुधाकर सिंह ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद है, जिसने समय पर अपना विधायक दल नेता चुन लिया था. उन्होंने कहा कि भले कांग्रेस के विधायक कम हों, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत पार्टी को अपना नेता चुनना चाहिए. देरी से गलत संदेश जाता है.
अनुराग ठाकुर के ई-सिगरेट बयान पर तीखा सवाल
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने संसद में आरोप लगाया था कि टीएमसी सांसद ने ई-सिगरेट पी है. इस पर सुधाकर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर अनुराग ठाकुर के पास सबूत है तो वे नाम बताएं. संसद में मर्यादा की अपेक्षा की जाती है. हथियार या गैर-कानूनी चीजें अंदर ले जाना वर्जित है. अगर किसी सांसद ने ऐसा किया है, तो सीधे स्पीकर के दफ्तर में शिकायत करें. सभी सांसदों को सामूहिक रूप से दोषी ठहराना गलत है.
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनावी माहौल के बीच हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं. सुधाकर सिंह के अनुसार, कार्रवाई सिर्फ सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही होनी चाहिए.
विपक्षी सरकारों को घेरने की कोशिश में केंद्र- सुधाकर
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार विपक्षी राज्यों को अस्थिर करने में लगी है. इस पर सुधाकर सिंह बोले- जो ममता जी ने कहा, वह चिंता का विषय है. केंद्र सरकार लगातार विपक्षी सरकारों को घेरने की कोशिश कर रही है.
छह महीने पहले लागू होनी चाहिए आचार संहिता- सुधाकर
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि चुनाव सुधारों पर विपक्ष अड़ंगा डालता है. इस पर सुधाकर सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी जिस रास्ते से चुनाव जीतती आई है, वह उसी रास्ते को बनाए रखना चाहती है. इसलिए उसकी तरफ से किसी सुधार की उम्मीद नहीं है. उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनावी इतिहास का सबसे काला अध्याय बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग को आचार संहिता कम से कम छह महीने पहले लागू करनी चाहिए.
बिहार में वोटिंग से पहले महिलाओं के खातों में पैसे डालना एक तरह की रिश्वत है. चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का पुराना नियम बहाल किया जाए. सुधाकर सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता के लिए लगातार लड़ाई जारी रखेगी.
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