पटना: बिहार सरकार इन दिनों कई पुराने व्यवस्थाओं को बदलने में लगी हुई है. इसी क्रम में शुक्रवार को सूबे की नीतीश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. इसके फैसले के बाद सूबे में अब से राजस्व पदाधिकारी जाति, आय, आवास, क्रीमीलेयर लेयर रहित प्रमाण प्रत्र जारी करेंगे. पहले इन दस्तावेजों को जारी करने के लिए अंचलाधिकारी के दस्तखत की जरूरत होती थी. लेकिन इस आदेश के बाद अब राजस्व अधिकारी के दस्तखत से प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे, जो सर्वमान्य होंगे.

Continues below advertisement

विभाग ने अधिकारियों को लिखा पत्र

बता दें कि सूबे के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को आदेश जारी करते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है. पत्र में यह कहा गया है कि बिहार राज्य के मूल निवासी, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़ा वर्ग /अत्यन्त पिछड़ा वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के विभिन्न प्रयोजनों के निमित्त जाति/आय/आवास/ क्रीमीलेयर रहित प्रमाण-पत्र और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण-पत्र निर्गत करने के लिए अंचलाधिकारी को सक्षम प्राधिकार बनाया गया है.

Continues below advertisement

इस व्यवस्था को और सरल बनाने का प्रयास किया गया है, ताकि अभ्यर्थियों को सुगमता से उपर्युक्त प्रमाण-पत्र प्राप्त हो सके. इसलिए अब अंचलाधिकारी के स्थान पर राजस्व अधिकारी द्वारा निर्गत उक्त सभी प्रमाण-पत्र पूर्ण रूप से मान्य होंगे.

सीएम नीतीश ने दिया था निर्देश

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेवेन्यू की 8 दिसंबर की समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्देश दिया था, जिसके बाद विभाग ने आदेश जारी किया है. अंचल अधिकारी के कार्यभार को कम करने के लिए सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया है. गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने सभी डीएम को पत्र लिखकर सीओ की लॉ एंड आर्डर में अनावश्यक ड्यूटी न लगाने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ें -

Bihar Intermediate Exam 2021: 1 फरवरी से शुरू होगी बिहार में 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं, जानिए कितने स्टूडेंट्स देंगे एग्ज़ाम एक फरवरी से शुरू होगा इंटरमीडिएट एग्ज़ाम, नकल पर नकेल कसने की पूरी तैयारी में है बिहार बोर्ड