पटना: बाहुबली विधायक, छोटे सरकार, दादा, अनंत दा जैसे नामों से मशहूर अनंत सिंह आज आरजेडी की टिकट पर मोकामा विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करेंगे. जहां एक और टिकट के लिए पार्टी कार्यालय का चक्कर काटने का सिलसिला जारी हो, इसी बीच जेल में बंद किसी व्यक्ति को टिकट देना आम लोगों को, जिन्हें जानकारी नहीं है उन्हें थोड़ा हैरान करता है. लेकिन जो अनंत सिंह और उनके रशूख से वाकिफ हैं, उनके लिए यह तनिक भी हैरतअंगेज नहीं है.

बिहार की राजधानी से 70 किलोमीटर दूर बाढ़ के नदमा में 1 जुलाई, 1961 में जन्मे अनंत सिंह बिहार के राजनीति में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. लोगों का कहना है कि जब अनंत सिंह 9 साल के थे तभी किसी कारणवश जेल गए थे, फिर कुछ दिनों में वापस भी छूट कर आ गए थे. अंनत अपने चार भाइयों में सबसे छोटे हैं, लेकिन अपराध जगत में उनका नाम और कद काफी बड़ा है.

अपने शौक के लिए मशहूर अनंत सिंह को एक जमाने लोग 'रॉबिनहुड' के नाम से जानते थे. दरअसल, उन्होंने सालों पहले अपना म्यूजिक वीडियो बनवाया जिसमें वो पटना की सड़कों पर बग्घी की सवारी करते दिख रहे थे, वहीं इस गाने के बोल थे 'छोटे सरकार' और यह गाना बॉलीवुड के फेमस सिंगर उदित नारायण ने गाया था.

अंनत सिंह को घोड़ों का बहुत शौक है. उन्हें जो घोड़ा पसंद आ जाए वो उसे बिना खरीदे दम नहीं लेते थे. एक बार उन्हें लालू यादव का एक घोड़ा पसंद आ गया लेकिन उन्हें पता था कि लालू यादव उन्हें घोड़ा नहीं बेचेंगे जिसके बाद दूसरे के माध्यम से उन्होंने वह घोड़ा खरीदवाया और फिर उससे मेला घूमने गए. उन्हें जानवर पालने का बहुत शौक है ऐसे में उन्होंने हाथी और अजगर जैसे जंगली जानवर घर में ही पाल रखें हैं.

शौक के साथ-साथ अनंत सिंह अपनी सनक के लिए भी चर्चाओं में रहे हैं. एक बार उनको किसी की मर्सिडीज पसंद आ गई थी तो उन्होंने पहले तो उस आदमी से दबाव बनाकर मर्सिडीज ली और फिर उसका मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया. 2007 में महिला से रेप मामले में अनंत सिंह का नाम आया था, इस संबंध में जब पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा था तो वो काफी भड़क गए थे और उसकी जमकर पिटाई कर दी थी.

लोकसभा चुनाव 2004 में नीतीश कुमार बाढ़ सीट से 6वीं बार चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव से ऐन वक्त पहले मोकामा से निर्दलीय विधायक सुराजभान सिंह एलजेपी में शामिल हो गए. सुराजभान को बलिया से टिकट मिला. तब नीतीश कुमार समझ गए कि अंनत की मदद के बिना चुनाव जीतना मुश्किल है जिसके बाद नीतीश के करीबी माने जाने वाले ललन सिंह उन्हें अनंत से मिलवाया. अनंत सिंह ने हामी भर दी. उस समय बाढ़ में नीतीश कुमार की एक रैली हुई जिसमें अंनत सिंह ने उन्हें चांदी के सिक्कों से तुलवा दिया. हालांकि इस प्रकरण का वीडियो सामने आने के बाद नीतीश कुमार की खूब फजीहत हुई थी.

हालांकि, अनंत सिंह का साथ भी नीतीश को जिता नहीं सका. लेकिन यहीं से अनंत सिंह और नीतीश के बीच गहरी दोस्ती की शुरुआत हुई. शायद ये नीतीश की दोस्ती का ही नतीजा था कि कम समय में ही अनंत सिंह की संपत्ति लाखों से करोड़ों में पहुंच गई. 2005 के वक्त अनंत सिंह के पास महज 3.40 लाख रुपए की संपत्ति थी, जबकि 2015 के चुनाव के वक्त दाखिल हलफनामे में उनके पास 28 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति होने की बात सामने आई थी.

कम उम्र में ही दबंगई के सहारे अपनी पैठ बना चुके अनंत सिंह को बहुत जल्द ही ये अहसास हो गया कि राजनीति में जाने से उनके रुतबे में वृद्धि होगी ऐसे में उन्होंने प्लानिंग बनाई. वो खुद राजनीति में नहीं आए, बल्कि अपने बड़े भाई को राजनीति में उतारा. उन्होंने अपने बड़े भाई दिलीप सिंह ने 1985 में पहली बार निर्दलीय के तौर पर मोकामा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया, लेकिन वह हार गए.

1990 में पहली बार दिलीप जनता दल के टिकट पर मोकामा से विधायक बने. 1995 में भी यहां से जीते। लेकिन, 2000 का चुनाव हार गए. 2005 के विधानसभा चुनाव से अनंत सिंह राजनीति में आए, जिसके बाद उन्होंने हार्य का मुंह नहीं देखा. अनंत सिंह मोकामा से लगातार चार बार जीत चुके हैं. फरवरी 2005, अक्टूबर 2005 और 2010 का चुनाव जदयू से जीते और 2015 में निर्दलीय जीते.

बता दें कि अनंत सिंह को बाहुबली यूं ही नहीं कहा जाता है, उनके ऊपर एक-दो नहीं, बल्कि कई मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या, डबल मर्डर की साजिश, आर्म्स एक्ट, रंगदारी, जमीन पर अवैध कब्जा जैसे कई मामले हैं. अनंत सिंह के ऊपर पटना की एमपी-एमएलए कोर्ट में 18 केस चल रहे हैं. बाढ़ कोर्ट में दो केस हैं.

पटना के रेलवे ज्यूडिशियल कोर्ट में ट्रेन में मर्डर का मामला है. गया में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के रिश्तेदार ने मामला दर्ज कराया था. दानापुर कोर्ट में भी एक मामला चल रहा है. पिछले साल अक्टूबर में अनंत सिंह के घर से एके-47 समेत कई हथियार मिले थे. इस मामले को छोड़कर बाकी सभी मामलों में अनंत सिंह को जमानत मिल चुकी है.