जहानाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है. कोरोना काल होने के बावजूद बड़ी संख्या में मतदाता वोटिंग बूथ तक पहुंचे और अपने मताधिकार का प्रयोग किया. केवल युवा ही नहीं बुजुर्गों ने भी लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कोरोना काल के मद्देनजर 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने घर बैठे ही पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा उपलब्ध करा रखी थी, लेकिन विभिन्न वजहों से जिन बुजुर्गों ने पोस्टल बैलेट के लिए अपना नाम रजिस्टर्ड नहीं कराया था, उन्होंने बुधवार को बूथों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जिले के विभिन्न इलाकों के बूथों पर हर उम्र के लोग पहुंचे, वहीं बुजुर्गों में भी वोट डालने का जवां जोश नजर दिखा. कोई बुजुर्ग व्हीलचेयर पर लोकतंत्र का फर्ज निभाने के लिए पहुंचा, तो कोई चारपाई पर. पुरुषों के साथ बुजुर्ग वोटरों में महिलाओं की संख्याभी अच्छी खासी थी.
आदर्श मतदान केंद्रों पर बुजुर्ग वोटरों के लिए चुनाव आयोग ने खास इंतजाम किए थे. यहां सड़क से पोलिंग स्टेशन तक चल पाने में असमर्थ बुजुर्गों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई थी. इस व्यवस्था से बुजुर्ग खुश थे. बुजुर्ग वोटरों को सुबह दस बजे के आस-पास वोटिंग करते हुए देखा गया. 75 से 100 साल तक के यह बुजुर्ग वोट डालने के लिए उत्साह के साथ पहुंच रहे थे, जो युवा वोटरों के लिए प्रेरणा है.
घोसी विधानसभा सभा क्षेत्र के भारथु गांव निवासी 96 वर्षीय बुजुर्ग केदारनाथ सिंह अपने पुत्र के साथ मतदान केंद्र संख्या 151 पर वोट डालने पहुंचे थे. चलने फिरने में परेशानी होने के बाद भी वे लोकतंत्र के महापर्व में अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए खासे उत्साहित दिखे. उन्होंने बताया कि ऐसा अवसर तो पांच साल पर ही आता है. स्वस्थ्य और स्वच्छ सरकार चुनने के लिए सभी को वोट देना चाहिए. इसी प्रकार घोसी विधानसभा में ही मोदनगंज प्रखंड के पेउता गांव में भी एक 95 वर्षीय बुजुर्ग को परिवार के सदस्यों ने चारपाई पर टांग कर वोट के लिए बूथ पर पहुंचाया.
यह भी पढ़ें-
राहुल गांधी का PM मोदी पर वार, बताया-'रावण और झूठा', क्या फिर कांगेस को भारी पड़ेगा राहुल गांधी का बयान? बिहार चुनाव: बिहार के CM नीतीश कुमार आज करेंगे 4 चुनावी रैलियां, बीजेपी झोंकेगी और ताकत