आरटीआई से दो दिसंबर (2025) को यह खुलासा हुआ है कि बिहार और केंद्र सरकार के कई नेता एक साथ वेतन और पेंशन दोनों ले रहे हैं. इसमें कुल आठ नेताओं के नाम हैं. इसमें राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा का भी नाम है. इस पर आज (09 दिसंबर, 2025) उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

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कुशवाहा ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है, "बिहार विधानसभा/विधान परिषद के कुछ पूर्व सदस्यों के द्वारा पेंशन लेने के बारे मीडिया में अत्यंत ही बेबुनियाद और तथ्य से परे खबरें प्रकाशित/प्रसारित की जा रही हैं. सूचना के अधिकार के तहत दी गई एक अधूरी जानकारी को खबर का आधार बनाया गया है." 

'सदन में रहते हुए सिर्फ मैंने वेतन लिया' 

उन्होंने कहा, "उक्त सूची में मेरा नाम भी शामिल है. अतएव मैं अपने बारे में सच्चाई से अवगत करवाना चाहता हूं, जो इस प्रकार है- पत्र में पेंशन शुरू किए जाने की जो तारीख बताई गई है तब से लेकर अब तक कब किसने और कितनी पेंशन की राशि ली, इसका कोई ब्योरा नहीं दिया गया है. मैं अपने बारे में बताना चाहता हूं कि शुरुआत से लेकर अब तक, जब किसी सदन का सदस्य नहीं रहा हूं सिर्फ उस कालावधि में मैंने पेंशन ली है. सदन में रहते हुए सिर्फ वहां से मैंने वेतन लिया है. उस अवधि में पेंशन लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता है."

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'एक साथ वेतन और पेंशन नहीं ले सकते'

उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा, "जाहिर है आज मैं राज्यसभा का सदस्य हूं. अतः राज्यसभा से वेतन ले रहा हूं. विधानसभा/विधान परिषद से पेंशन नहीं ले रहा हूं. प्रावधान भी यही है कि आप एक साथ किसी सदन का वेतन और किसी से पेंशन नहीं ले सकते हैं. इस नियम का मैं भी शत-प्रतिशत पालन कर रहा हूं."

बता दें कि आरटीआई में जिन नेताओं के नाम आए हैं, उनमें केंद्रीय मंत्री सतीश चंद्र दुबे और बिहार के वित्त मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव का भी नाम है. उपेंद्र कुशवाहा के अलावा देवेश चंद्र ठाकुर, ललन कुमार सर्राफ, नितीश मिश्रा और संजय सिंह का भी नाम है.

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