पूर्णियाः जेडीयू (JDU) संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) बिहार यात्रा (Bihar Yatra) पर अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं. हर जगह लोगों की समस्याओं से रूबरू भी हो रहे हैं. मंगलवार को पूर्णिया में उन्होंने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि लोगों से मिलने के बाद पता चला कि उनके पास कई तरह की समस्याएं हैं. लोगों का कहना है कि अधिकारी बात नहीं सुनते हैं, जिसे वह भी मानते हैं.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अधिकारियों के मामले में पार्टी के लोगों ने भी शिकायत की है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संदेश को ग्रहण करना चाहिए. पार्टी के जो भी अधिकृत लोग हैं उनकी बातों को सुनना ही पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जो जायज है वह ठीक है लेकिन बात तो सुननी पड़ेगी.


इस दौरान बातचीत में उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि बिहार में सरकारी अफसर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते. सत्ताधारी दल के नेताओं और पदाधिकारियों की बात को भी अधिकारी नजरअंदाज करते हैं और अनदेखी कर निकल जाते हैं. जनता की समस्याओं के प्रति अधिकारी कोई प्रतिक्रिया नहीं देते हैं.


मदन सहनी ने कहा था- अधिकारी नहीं सुनते बात


बता दें कि अफसरों की तानाशाही से परेशान होकर नीतीश कैबिनेट के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इस्तीफे की पेशकश की थी और कहा था कि अफसरों की तानाशाही से तंग आकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का मन बनाया है. उनके इस बयान के बाद ही बिहार में सियासी घमासान शुरू हो गया था. विपक्ष ने इस बयान को आड़े हाथों ले लिया और कई दिनों तक यह कहा जाता रहा कि बिहार में अधिकारी सरकार की बात नहीं सुनते हैं.



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