हाजीपुरः दिल्ली के 12 जनपद स्थित बंगले से चिराग पासवान (Chirag Paswan) के निकाले जाने के बाद चाचा-भतीजा की लड़ाई और तेज हो गई है. दरअसल, बंगला खाली करने के बाद एक वीडियो आया था जिसमें दिख रहा था कि रामविलास पासवान और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर फेंकी गई है. इसको लेकर चिराग ने कई तरह के आरोप लगाए थे. इस पर सोमवार की शाम हाजीपुर पहुंचे पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) ने बड़ा बयान दिया है.  


पशुपति कुमार पारस ने कहा कि चिराग पासवान खुद राजनीतिक फायदे के लिए सड़कों पर भीमराव आंबेडकर और रामविलास पासवान की तस्वीर को फेंक दिया है. भगवान जैसे पिता का खुद चिराग पासवान ने अपमानित करने का काम किया है. चिराग और उनकी मां बंगले से कीमती सामान को ट्रक पर लाद कर ले गए और जानबूझकर तस्वीरों को सड़क पर फेंक दिया ताकि राजनीतिक फायदा मिले.


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इस ओर पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है. पूरे बिहार में घूम-घूमकर यह कह रहे हैं कि भगवान मानने वाले चाचा इस मामले पर खामोश हैं. बिहार की जनता सब जानता है. चिराग पासवान खुद को बिहारी कहते हैं लेकिन बिहारी होने का गुण नहीं है. 12 जनपद खाली होने से चिराग पासवान से अधिक मुझे दुख हुआ है. क्योंकि मैं चिराग पासवान का वहां सेवा किया करता था. यह चिराग भी जानते हैं.


...तो आज खाली नहीं होता बंगला


पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान गठबंधन में चुनाव लड़े होते और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेल भेजने की बात नहीं कहते तो आज 12 जनपद खाली नहीं होता. चिराग की मां राज्यसभा से सांसद होतीं. बिहार में चार पांच मंत्री होता और अपना एमएलए होता. चिराग पासवान खुद कारण बने हैं.


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