पटना: सियासी घमासान के बीच शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के अब जेडीयू अटैक मोड में आ गयी है और लगातार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग कर रही है. इस क्रम में शनिवार को जेडीयू प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई जिसमें जेडीयू के प्रदेश वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मेवालाल चौधरी ने अपने पद से परित्याग करके एक बड़ा ही अच्छा उदाहरण पेश किया है.


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजनैतिक सुचिता का बराबर ध्यान रखा है, सार्वजनिक जीवन में कभी-कभी विवादास्पद मौके आते भी हैं. उसकी व्याख्या भी होती है. तो जब भी कोई ऐसा मामला आया ऐसे मौके पर जब भी पब्लिक डिबेट में सवाल उठा है नैतिकता का परिचय देते हुए उन्होंने इस्तीफा लिया है.


वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा, " मेवालाल चौधरी की चर्चा इधर आई लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि इस चर्चा पर विशेष रूप से तेजस्वी यादव बोल रहे थे. लेकिन तेजस्वी यादव के बोलने का नैतिक पक्ष कहां है? कहां सार्वजनिक जीवन की प्रतिबद्धता और उसकी ऊंचाई, उसकी सुचिता उस पर उन्हें बोलने का अधिकार है, क्या?"


वहीं, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि हमारे नेता मुख्यमंत्री नी‍तीश कुमार ने हमेशा दो बातों की चर्चा की है कि हमारी जो ट्रिपल सी है उससे हम कभी कंपरमाईज नहीं करेगें और न हम किसी को फंसाते है और न हम किसी को बचाते हैं, जिसका स्पष्ट उदाहरण मेवालाल चौधरी के केस में हुआ.


प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ने मेवालाल चौधरी पर जो आक्षेप लगाया तो हमारे नेता ने तो इस मामले में मिसाल कायम किया. उनके कार्यकाल के दौरान जितने भी विधायक–मंत्रियों या अन्य नेताओं पर आरोप लगा उन्हें इस्तीाफा देना पड़ा. लेकिन हम तेजस्वी यादव से पूछना चाहते हैं कि जिसका परिवार भ्रष्टा्चार के गंगोत्री में डूबा हुआ हो उनको अधिकार कि‍सने दिया है दूसरों पर सवाल खड़ा करने का?


विधानपार्षद नीरज कुमार ने कहा कि हालांकि लालू परिवार से राजनीति में नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है लेकिन हमारी उम्मीद इतनी भर है कि सदन के सदस्य होने के नाते जब माननीय तेजस्वी यादव शपथ लें तो यह जरूर बोलें कि मैं तेजस्वी यादव कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद का बेटा शपथ लेता हूँ कि मैं धारा 302 का आरोपी, SC/ST Act का आरोपी, आर्म्स एक्ट का आरोपी, भ्रष्टाचार के विभिन्न मामले का आरोपी होने के बावजूद इतना निर्लज्ज हूँ कि मैं सदन में शपथ ले रहा हूँ. देश के संविधान की मूल आत्मा है सुचिता, उस सुचिता पर मैं लगातार हमला करता रहूँगा और निर्लज्जता की पराकाष्ठा पार करता रहूँगा. हमारी उम्मीद है कि निश्चित रूप से तेजस्वी यादव इसका अनुसरण करेंगे.


इधर, जदयू नेता अजय आलोक ने कहा कि मेवालाल चौधरी पर अभी तक अभियोजन नहीं हुआ है, अभियोजन होने से चार्जशीट होने तक एक प्रक्रिया होता है तब जाकर चार्जशीट होगी लेकिन उससे पहले ही इस्तीफा ले लिया गया. ये होता है राजनीतिक सुचिता का उच्च मापदंड.


दरसअल, तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी जिन्हें शिक्षा विभाग की जिममेदारी सौंपी गई थी, वो कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में नियुक्ति घोटाले में आरोपित हैं. उन्हें कैबिनेट में जगह देकर नीतीश कुमार फंस गए थे. एक दागी नेता को मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष लगातार सीएम नीतीश के जीरो टॉलरेंस पर सवाल खड़े कर रही थी. वहीं, नियुक्ति घोटाला मामले में आरोपित मेवलाल को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे. ऐसे में उन्होंने खुद ही मंत्री पद ग्रहण करने के चंद घंटों बाद इस्तीफा दे दिया था.


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