पटना: राजधानी पटना में पुलिस की अमानवीय चेहरा का एक बार देखने को मिला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के काफिले को जाने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को जिंदगी और मौत से जूझ रहे मासूम के एंबुलेंस को करीब एक घंटे तक रोक दी. मासूम एंबुलेंस में काफी देर तक बेहोश रहा और उसकी मां रोती रही. मामला राजधानी पटना से सटे फतुहा थाना क्षेत्र स्थित आरओबी के पास का है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज नालंदा के इथनॉल फैक्ट्री का उद्घाटन कर वापस पटना लौट रहे थे. इसी दौरान का यह मामला है.


मासूम एंबुलेंस में जिंदगी और मौत से जूझता रहा


पटना की पुलिस मुख्यमंत्री के काफीले को जाने के लिए सभी गाड़ियों को रोकी हुई थी, जिसमें एक एंबुलेंस करीब एक घंटे तक फंसी रही, उस एंबुलेंस में एक मासूम जिंदगी और मौत से जूझ रहा था. एंबुलेंस ड्राइवर ने बताया कि फतुहा के एक निजी अस्पताल से उस बच्चों को लेकर पटना के अस्पताल में ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस मुख्यमंत्री के काफिले को लेकर सभी गाड़ियो को रोकी हुई थी. पुलिस को बताया भी इसमें इमरजेंसी पेशेंट है, लेकिन पुलिस नहीं मानी और एंबुलेंस को रोकी रही. 


पहले भी सामने आया था ऐसा मामला


पटना की पुलिस ने कानून को ठेंगा दिखाते हुए सभी गाड़ियों सहित एंबुलेंस को भी रोके रखी. बता दें कि एक महीना पहले भी ऐसी घटना पटना के गंगा पथ पर देखने को मिली थी, जिसमें एक एंबुलेंस को मुख्यमंत्री के काफिले को जाने के लिए रोकी गई थी. हालांकि बाद में ट्रैफिक एसपी ने चिन्हित करके पुलिसकर्मी पर  कार्रवाई करने की बात कही थी. उस वक्त भी पुलिस ने आश्वासन दिया था कि ऐसे मामलों में किसी को भी एंबुलेंस रोकने का अधिकार नहीं है.


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