पटना जिले में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से पुलिस महकमे में बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया है. शुक्रवार (12 दिसंबर) को जिले के 46 थानों में नए थानाध्यक्षों की तैनाती की गई, जबकि 12 थानाध्यक्षों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. इसके अलावा हवाई अड्डा, कोतवाली, कदमकुआं, सचिवालय, श्रीकृष्णापुरी और बाईपास जैसे महत्वपूर्ण थानों में भी बदलाव किया गया है. इस कार्रवाई को एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा की सख्त पहल माना जा रहा है.

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एसएसपी की अनुशंसा पर लगी मुहर

एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने 12 दिसंबर को पुलिस महानिरीक्षक, केंद्रीय क्षेत्र पटना को पत्र भेजकर थानाध्यक्षों के तबादले और लाइन हाजिरी की अनुशंसा की थी. शुक्रवार शाम को इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों को लाइन हाजिर किया गया है, उनमें कई लंबे समय से एक ही थाने में पदस्थ थे, जबकि कुछ के खिलाफ कर्तव्य पालन में गंभीर खामियां सामने आई थीं.

इन 12 थानाध्यक्षों को किया गया लाइन हाजिर

लाइन हाजिर किए गए थानाध्यक्षों में खगौल के राजकुमार सिंह, मोकामा के संतोष कुमार शर्मा, सचिवालय के बलरामलाल देव, मेहदीगंज के किशोर कुणाल झा, महिला थाना की राजरंजनी कुमारी, एससी-एसटी थाना के राजकुमार, अगमकुआं के नीरज कुमार पांडेय, मसौढ़ी के अनिल कुमार, धनरुआ के आलोक कुमार, बेलछी के अनिल कुमार सिंह, बिक्रम के विनोद कुमार और आईआईटी अमहरा के शिवशंकर शामिल हैं. सभी को पटना पुलिस केंद्र में योगदान देने का निर्देश दिया गया है.

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थानों में हुई व्यापक अदला-बदली

जानकारी के अनुसार, तबादलों की सूची काफी लंबी है. श्रीकृष्णापुरी के प्रभात कुमार को बिक्रम, कोतवाली के जन्मेजय कुमार को कदमकुआं, हवाई अड्डा के जितेंद्र राणा को श्रीकृष्णापुरी और कदमकुआं के अजय कुमार को कोतवाली भेजा गया है. बाइपास के राजेश कुमार झा को अगमकुआं, गौरीचक के अमित कुमार को बिहटा और विशिष्ट आसूचना इकाई में तैनात अफसर हुसैन को बेऊर का प्रभार सौंपा गया है.

महिला और विशेष थानों में भी बदलाव

साइबर थाना में तैनात अफसा परवीन को महिला थानाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि संजय कुमार को अनुसूचित जाति-जनजाति थाना का प्रभार मिला है. मुसल्लहपुर, बहादुरपुर, अथमलगोला, जानीपुर, राजीवनगर और कादिरगंज समेत कई अन्य थानों में भी नए थानाध्यक्षों की तैनाती की गई है. पटना पुलिस की इस कार्रवाई को साफ संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि लापरवाही और कमजोर कार्यप्रणाली अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पुलिस प्रशासन का मानना है कि इस फेरबदल से जिले में कानून-व्यवस्था और पुलिसिंग में सुधार देखने को मिलेगा.

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