पूर्वी बिहार के बेगूसराय जिले में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने स्थानीय लोगों से मिलकर अतिक्रमण मामलों का जायजा लिया और गरीबों, छोटे व्यापारियों और जमीन पर निर्भर श्रमिकों के हितों की सुरक्षा का भरोसा दिया. सांसद ने स्थानीय निवासियों की समस्याओं को सुना और सरकारी नीतियों में व्याप्त असमानताओं पर गंभीर चिंता जताई.

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पप्पू यादव ने कहा कि यह कार्रवाई गरीबों, दलितों, माली, मजदूर और छोटे किसानों के लिए अत्यंत अनुचित है. पूरे बिहार में छोटे व्यापारियों की दुकानों पर कब्जा किया जा रहा है. यहां तक कि हिटलर ने भी ऐसा नहीं किया. हम न्यायालय का सहारा ले चुके हैं. अगर जरूरत पड़ी तो हम सरकार को आगे बढ़ने नहीं देंगे. बिहार में आवश्यक कार्रवाई करेंगे, लेकिन गरीबों के घरों को किसी भी हालत में नहीं गिरने देंगे.

सरकार की नीतियों का गरीबों तक पहुंचे फायदा- पप्पू यादव

जानकारी के अनुसार, उनके इस बयान से साफ हुआ कि सांसद स्थानीय स्तर पर हो रहे अतिक्रमण और जबरन हटाने की कार्रवाइयों के खिलाफ खड़े हैं. पप्पू यादव ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के हितों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों का फायदा गरीबों तक पहुंचे और किसी भी तरह का अन्याय उन्हें प्रभावित न करें.

गरीबों और छोटे व्यापारियों के अधिकारों का हो सम्मान

स्थानीय लोगों ने सांसद के दौरे को स्वागत योग्य बताया और कहा कि उनकी मौजूदगी से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ी है. कई छोटे व्यापारी और मजदूर अपनी दुकानों और घरों की सुरक्षा के लिए सांसद से समर्थन मांगते दिखाई दिए. सांसद ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाए. गरीबों और छोटे व्यापारियों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए और केवल बड़े हित धारकों के दबाव में कोई कदम नहीं उठाया जाना चाहिए.

अदालत में उठाएंगे पूरा मामला- पप्पू यादव

पप्पू यादव की यह पहल राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि बिहार में अतिक्रमण और जमीन संबंधी विवाद लंबे समय से संवेदनशील मुद्दे बने हुए हैं. सांसद का जोर गरीबों और छोटे व्यापारियों की सुरक्षा पर है, जबकि बड़े कारोबारी और प्रशासनिक दबाव के बीच संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण है.

इस दौरे के दौरान सांसद ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और निवासियों से सीधे संवाद कर उनकी शिकायतों को सुना. उन्होंने कहा कि अगर अदालत में मामला उठाने की जरूरत पड़ी तो वह हर संभव कदम उठाएंगे, लेकिन गरीबों और हाशिए पर खड़े लोगों के घरों के नुकसान को किसी भी हालत में सहन नहीं करेंगे. पप्पू यादव के इस बयान और दौरे ने बेगूसराय में अतिक्रमण और गरीबों के हितों के संरक्षण के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला दिया है.

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