बिहार के सुपौल में डीएम सावन कुमार की अगुवाई में गुरुवार (24 जुलाई, 2025) को बाल विकास परियोजना के कार्यालय में छापेमारी की गई. इस दौरान रिश्वत लेते दो कर्मी रंगे हाथ पकड़े गए. गिरफ्तार किए जाने वालों में विभाग की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (डीपीओ) शोभा सिन्हा और कंप्यूटर ऑपरेटर चंदन कुमार शामिल हैं. इसकी पुष्टि डीएम सावन कुमार ने की है.

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इन दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई स्वयं जिलाधिकारी सावन कुमार के नेतृत्व में की गई जिससे हड़कंप मच गया. बताया जाता है कि डीएम को सूचना मिली थी कि नव नियुक्त पर्यवेक्षिकाओं (एलएस) से नियुक्ति के एवज में रिश्वत ली जा रही है. इसी सूचना के आधार पर डीएम ने कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की और बिना किसी पूर्व जानकारी के कार्यालय में छापा मारा. 

छापेमारी के दौरान मौके से नकद बरामद

छापेमारी के दौरान मौके से कुछ नकद राशि जब्त की गई. उसकी जांच की जा रही है. डीएम के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक शरथ आरएस भी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की बारीकी से जांच की. प्रारंभिक जांच में भ्रष्टाचार के स्पष्ट प्रमाण सामने आए हैं.

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इस पूरे मामले में डीपीओ शोभा सिन्हा और कंप्यूटर ऑपरेटर चंदन कुमार को तुरंत पहले हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद दोनों से पूछताछ हुई. बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम पूरे मामले की जांच कर रही है.

गौरतलब है कि आईसीडीएस कार्यालय में लंबे समय से रिश्वतखोरी की शिकायतें मिल रही थीं. शिकायत की खबर के बाद इस तरह की हुई कार्रवाई से भ्रष्ट अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. डीएम की इस त्वरित और सख्त कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि भ्रष्टाचार को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह कार्रवाई जिले भर में एक कड़ा संदेश देती है कि अब हर सरकारी कार्यालय में पारदर्शिता अनिवार्य है.

जिलाधिकारी ने क्या कहा?

जिलाधिकारी सावन कुमार ने कहा कि जिले में नवनियुक्त एलएस को चयनमुक्त कर दिए जाने की धमकी बाद डीपीओ द्वारा प्रति एलएस से 25 हजार रुपये की मांग की गई थी. इसको लेकर डीपीओ ने सभी एलएस को राशि जमा करने को कहा था. इसकी सूचना मिली थी. इसके बाद गुरुवार को जब आईसीडीएस कार्यालय में छापेमारी की गई तो राशि बरामद हुई. डीपीओ और ऑपरेटर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है.