कैमूर: जिले के नुआंव प्रखंड क्षेत्र के दरौली पोखरा पर अतिक्रमण कर बनाए गए 74 मकानों को चार जेसीबी के माध्यम से प्रशासन ने तोड़ डाला. इस दौरान लोगों का विरोध भी देखने को मिला. वहीं कई परिवार के आंखों से आंसू निकल आए. वे बच्चों के साथ बैठकर रोने लगे. इधर, विरोध करने गए भभुआ के पूर्व विधायक रामचंद्र यादव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. रविवार को जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई.


पूर्व विधायक रामचंद्र यादव प्रशासन से गुजारिश कर रहे थे कि कम से कम लोगों को एक हफ्ते का समय दिया जाए जिससे वह अपना रहने का ठिकाना या मकान बना सकें. प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें हिरासत में लेकर रामगढ़ थाने चली आई. मकान टूटने के बाद कई परिवार रोते-बिलखते नजर आए जिनके सामने बारिश के इस मौसम में उनके सिर से छत छीन ली गई है.



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100 साल से भी ज्यादा समय से रहते थे लोग


गांव की नसीमा बेगम बताती हैं कि 100 सालों से भी ज्यादा समय से मकान बनाकर उनके परिवार के लोग रह रहे हैं. लोन लेकर उन्होंने यहां मकान बनवाया था. इसके अलावा उनकी कहीं जमीन नहीं है. कहा कि हम अपने बच्चों और परिवार को लेकर अब कहां जाएंगे?


मुर्गा की दुकान चलाने वाले अनीस अंसारी मकान टूटने के बाद रोने लगे. कहने लगे कि प्रशासन की ओर से मकान तोड़ने से पहले कोई नहीं दी गई. हमारे पास रहने के लिए अब कोई घर नहीं है. पत्नी और चार बच्चों के साथ मुझे सड़क पर ही गुजारा करना होगा. बीडीसी जोगिंदर राम ने कहा कि पोखरे के पिंड पर भूमिहीन परिवार बसे हुए हैं जिनका अपना एक धुर जमीन नहीं है. प्रशासन द्वारा सभी को नोटिस तो दिया गया था, लेकिन वह इस हालत में नहीं थे कि जमीन खरीदकर अपना मकान बना सकें. प्रशासन और सरकार ऐसे भूमिहीन परिवार को जमीन और मुआवजा दोनों दे जिससे वह अपना गुजर-बसर कर सकें.


पूर्व विधायक ने कहा- नहीं सुनी गई कोई बात


भभुआ के पूर्व विधायक रामचंद्र यादव ने कहा कि दरौली पोखरे के पिंड पर बने मकानों को प्रशासन द्वारा तोड़ा जा रहा है जबकि सरकार का नियम और हाईकोर्ट का नियम कहता है कि गरीब भूमिहीन परिवारों को मकान तोड़ने से पहले उन्हें सरकारी जमीन और उन्हें आवास बनाने की राशि देने के बाद ही मकान तोड़ना है. अंचलाधिकारी से हमलोगों ने बात की लेकिन उनके द्वारा हम लोगों की एक भी बात नहीं सुनी गई.


अंचलाधिकारी ने कहा कि कुल 70 मकानों को तोड़ने का नोटिस पहले दिया जा चुका था. यह सभी मकान पोखरे के पिंड पर बना हुआ है. सभी लोगों की जांच कराई गई है. कई लोगों के पास जमीन है और कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी अपनी जमीन नहीं है वैसे लोगों को चिह्नित करते हुए सरकार से मिलने वाली भूमि उन्हें आवंटित की जाएगी.


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