समस्तीपुरः बिहार के समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू (JDU) के पूर्व विधायक रामबालक सिंह (Rambalak Singh) को कोर्ट ने सोमवार को पांच साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. पूर्व विधायक के भाई लाल बाबू सिंह (Lal Babu Singh) को भी पांच साल की सजा सुनाई गई है. एडीजे-3 प्रणव कुमार झा के कोर्ट में सोमवार को आर्म्स एक्ट मामले में सुनवाई पूरी हुई. पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लाल बाबू सिंह को 354 व 27 आर्म्स एक्ट (Arms Act) में दोषी पाया गया है. दोषी पाए जाने के बाद बीते शुक्रवार को ही कोर्ट ने पूर्व विधायक और उनके भाई को जेल भेज दिया था.


एपीपी मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पूर्व विधायक व उनके भाई को 27 आर्म्स एक्ट में 5 साल, 324 में 3 साल, अन्य सेक्शन में एक साल की सजा सुनाई है. न्यायालय के फैसले को लेकर बचाव पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अमिताभ भारद्वाज ने कहा कि न्यायालय का जो फैसला आया है उसके खिलाफ हाईकोर्ट (High Court) जाएंगे.


यहां समझें केस से जुड़ा पूरा मामला


कोर्ट में रामबालक सिंह बनाम ललन सिंह का मामला 21 साल से चल रहा था. चार जून 2000 की रात विभूतिपुर थाना क्षेत्र के शिवनाथपुर में गंगा सिंह की बेटी शादी में शामिल होने के लिए सीपीएम (CPM) के ललन सिंह भी गए थे. यहां पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लाल बाबू सिंह भी पहुंचे थे. उन दोनों में पहले से अदावत थी. इस दौरान ललन सिंह पर नजर नजर पड़ते ही रामबालक सिंह और उनके भाई ललन सिंह को पकड़ने दौड़े. हालांकि ललन सिंह किसी तरह वहां से फरार होकर बाहर निकल गए.


इसके बाद रामबालक सिंह और उनके भाई अन्य साथियों के साथ ललन सिंह को पकड़ने के लिए निकले. इस दौरान पूर्व विधायक के भाई ने गोली चला दी थी. घटना में ललन सिंह के दाहिने हाथ की चार अंगुली उड़ गई. ललन सिंह ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई और इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद पूर्व विधायक, उनके भाई और समेत अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अब 21 वर्षों के बाद कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाया है.


कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी


कोर्ट परिसर में मौजूद पीड़ित लालन सिंह ने फैसले पर खुशी जताई. कहा कि रामबालक सिंह और उनके भाई पैसे और पैरवी की बदौलत बचते रहे, लेकिन आज 21 साल के बाद न्यायालय ने न्याय दिया है. लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अपराध के खिलाफ लड़ सकता है. न्यायालय में न्याय मिलेगा. इस पर पूरा भरोसा है.



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