दरभंगा: बिहार के दरभंगा से यह मामला सामने आया था कि रातोंरात तालाब गायब हो गया है. इस मामले में जांच के बाद अब एक्शन शुरू हो गया है. विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर चार में चोरी हुए तालाब पर दरभंगा के जिलाधिकारी राजीव रोशन ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का मन बना लिया है. उनके आदेश के बाद भू-माफिया के बीच हड़कंप मच गया है.
 
जिलाधिकारी ने क्या आदेश दिया?


बताया जाता है कि तालाब को भरकर स्वरूप बदलने की सूचना पर डीएम ने पूर्व की स्थिति बहाल करने का आदेश दिया है. इतना ही नहीं बल्कि डीएम ने जमीन की जमाबंदी तत्काल रद्द करने का भी आदेश दिया है. इस मामले में सदर सीओ को अपने कोर्ट में अपर समाहर्ता के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए कहा. 
 
डीएम के निर्देश पर सदर सीओ इंद्रासन साह ने जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में अपील की. सुनवाई दौरान जिला दंडाधिकारी ने अपर समाहर्ता के आदेश पर रोक लगा दी है. डीएम ने सदर अंचल अधिकारी और सदर भूमि सुधार उप समाहर्ता को 19 दिसंबर 2022 की तिथि के पूर्व के अनुरूप तालाब का स्वरूप बहाल करने का आदेश दिया. 
 
क्या है पूरा मामला?


दरअसल, विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नीम पोखर स्थिति सरकारी करीब 36 डिसमिल तालाब को भू-माफिया ने रातोंरात भरकर समतल बना दिया था. अपर समाहर्ता ने भी उस जमाबंदी को वैध मानकर तालाब मालिक बना दिया था. जमीन पर कब्जा करने के लिए एक झोपड़ी बना दी गई. इतना ही नहीं बल्कि बांस-बल्ला से चहारदीवारी की तरह घेरा भी गया. 
 
बता दें कि बिहार में बालू और शराब माफिया की तरह भू-माफिया भी अवैध तरीके से इस तरह के काम में लगे हैं. अब दरभंगा से सामने आए इस मामले में डीएम ने सदर सीओ और एडीएम को तालाब की उड़ाही करवाने के साथ चहारदीवारी और झोपड़ी हटाने का भी आदेश जारी कर दिया है.


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