BJP Leader Visheshwar Ojha Murder Case: सूबे के बहुचर्चित बीजेपी नेता विशेश्वर ओझा हत्याकांड में आठ साल बाद कोर्ट का फैसला आया है. गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर हत्याकांड के मुख्य आरोपित हरेश मिश्रा और उसके भाई ब्रजेश मिश्रा सहित सात आरोपितों को सोमवार (22 अप्रैल) के खिलाफ अपर जिला और सत्र न्यायाधीश-8 नीरज किशोर की ओर से फैसला सुनाया गया. ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.


साक्ष्य के अभाव में छह आरोपित हो चुके हैं बरी


इस हत्याकांड में कोर्ट ने सात आरोपियों को दोषी बनाया है, जिनमें ब्रजेश मिश्रा, हरेश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, टुन्नी मिश्रा, बसंत मिश्रा, हरेंद्र सिंह, पप्पू सिंह शामिल हैं. इसमें ब्रजेश मिश्रा और हरेश मिश्रा दोनों सगे भाई हैं जो पहले से जेल में बंद हैं. साक्ष्य के अभाव में छह आरोपित बरी हो चुके हैं. अपर लोक अभियोजक मानिक कुमार सिंह ने बताया कि ब्रजेश मिश्रा को बीजेपी नेता के गवाह कमल किशोर मिश्रा के मर्डर केस में पहले ही उम्रकैद की सजा मिल चुकी है.


आईपीसी की धारा 302 में हरेश मिश्रा एवं उसके भाई ब्रजेश मिश्रा को आजीवन (मृत्यु पर्यन्त) सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई. इसके साथ ही 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया. ब्रजेश एवं हरेश मिश्रा को आईपीसी की धारा 307 के तहत भी दोषी पाया गया था एवं इसके तहत 10 साल की सश्रम सजा सुनाई गई एवं 25 हजार का जुर्माना लगाया गया. 27 आर्म्स एक्ट में इन दोनों को तीन साल की सश्रम कारावास और 10 हजार का अर्थ दंड सुनाया गया. अर्थ दंड नहीं देने पर तीन महीने की साधारण कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है. सारी सजा साथ-साथ चलेगी.


इसके साथ ही अदालत ने दोष सिद्ध पांच अन्य दोषी टुन्नी, उमाकांत, बसंत, हरेंद्र और पप्पू को आईपीसी की धारा 307 एवं 27 आर्म्स एक्ट में क्रमशः 10 साल एवं 3 साल सश्रम सजा एवं 25000 और 10000 अर्थदंड लगाया है. अर्थ दंड नहीं चुकाने पर तीन माह साधारण कारावास की सजा का ऐलान किया गया है. सारी सजा साथ-साथ चलेगी. ब्रजेश मिश्रा बक्सर केंद्रीय कारा से जबकि हरेश मिश्रा एवं बसंत सिंह को भागलपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित कराया गया.


2016 में की गई थी हत्या


बता दें कि विशेश्वर ओझा की 12 फरवरी 2016 की शाम हत्या कर दी गई थी. घटना करनामेपुर ओपी क्षेत्र के सोनबरसा के एक मार्केट के समीप हुई थी. तब ओझवलिया गांव निवासी भाजपा नेता अपने समर्थकों के साथ एक बारात से लौट रहे थे. घात लगाकर बैठे बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर भून डाला था. अंधाधुंध फायरिंग में उनकी सफारी गाड़ी के चालक राकेश कुमार ओझा और साथ रहे बक्सर के रहने वाले कमलदेव ओझा भी जख्मी हो गए थे. 


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