पूर्णियाः बिहार के पूर्णिया का तटीय इलाका अभी बाढ़ की कहर से किसी तरह उबरा ही था कि नदियों के रौद्र रूप से एक बार फिर कहर बरपने लगा है. अमौर, बायसी, बैसा जैसे प्रखंडों में नदियां उफान पर हैं. ऐसा लग रहा है कि बाढ़ ने फिर से दस्तक दे दी है. अमौर में महानंदा नदी का तांडव दिख रहा है. यहां देखते ही देखते चंद सेकेंड में आसजा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र नदी में समा गया. आसपास के कई गांव में महानंदा के रौद्र रूप के कारण कटाव जारी है. लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने सरकार से मदद की मांग की है.


इससे पहले पूर्णिया के बायसी से तस्वीरें दिखी थीं जहां भारी बारिश ने किसानों के सामने परेशानी खड़ी कर दी थी. खेतों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण फसलें बर्बाद हो गईं. किसान अपने सामान को किसी तरह समेटने में लगे हैं. कई दिनों से हो रही मूसलधार बारिश की वजह से एक ओर किसान दाने के लिए तरस रहे हैं वहीं ग्रामीण सामान को उचित स्थान पर ले जाने के लिए परेशानी झेल रहे हैं. वहीं, किसान और ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से राहत मुहैया कराने की मांग की है.


पूर्णिया में बीते चार दिनों से हो रही बारिश


वहीं बायसी प्रखंड की सभी 17 पंचायतों में मूसलाधार बारिश के कारण कनकई, महानंदा, परमाण जैसी नदियां उफान पर हैं. अगर फसल की बात की जाए तो खेतों में हजारों एकड़ में कटा हुआ धान बारिश के पानी डूब चुका है. हजारों किसानों को नुकसान हुआ है. कुछ किसानों ने बताया कि इसी धान से पूरे परिवार का भरण पोषण हो रहा था. बता दें कि बीते चार दिनों से लगातार पूर्णिया सहित आसपास के जिलों में भारी बारिश हो रही है. इसके कारण नदियां उफान पर हैं.



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