बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (NDA) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान अब लगभग सुलझने के कगार पर है. हालांकि, अंदरूनी टेंशन अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है.
सहयोगी दलों ने मंगलवार (14 अक्टूबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपने बयानों के जरिए यह संकेत दिया कि बातचीत सकारात्मक माहौल में अंतिम चरण में पहुंच चुकी है.
एनडीए के सभी दल एकजुटता के साथ लड़ेंगे चुनाव- उपेंद्र कुशवाहा
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पोस्ट में लिखा- "एनडीए दलों में सीट संख्या का विषय सौहार्दपूर्ण बातचीत में पूरा हो चुका है. कौन दल किस सीट पर लड़ेगा, इस पर भी चर्चा सकारात्मक माहौल में अंतिम दौर में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए के सभी दल एकजुटता के साथ पूरी तरह तैयार हैं."
29 सीटों से एक भी कम पर समझौते के मूड में नहीं चिराग
वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी लगभग इसी तरह का संदेश देते हुए ट्वीट किया - "एनडीए दलों में सीट संख्या को लेकर सौहार्दपूर्ण बातचीत पूरी हो चुकी है. कौन दल किस सीट पर लड़ेगा, इस पर चर्चा अब अंतिम चरण में है. मोदी जी और नीतीश जी के नेतृत्व में एनडीए के सभी दल एकजुट हैं और चुनाव के लिए तैयार हैं." हालांकि चिराग पासवान 29 सीटों से एक भी कम पर समझौते के मूड में नहीं दिख रहे हैं.
फिर से NDA सरकार बनाने को बिहार तैयार- नितिन नबीन
इसके साथ ही बिहार के मंत्री और बीजेपी नेता नितिन नबीन ने भी ट्वीट कर माहौल को सकारात्मक बताया. उन्होंने लिखा- "एनडीए गठबंधन के दलों के बीच सीटों को लेकर चर्चा सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक माहौल में अपने अंतिम चरण में है. आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में एनडीए के सभी दल एकजुट हैं और चुनाव के लिए पूर्ण रूप से तैयार हैं. बिहार है तैयार, फिर से NDA सरकार."
एनडीए में अंदरखाने बरकरार टेंशन
हालांकि, इन तीनों नेताओं के ट्वीट भले ही एकजुटता और सौहार्द का संदेश दे रहे हों, लेकिन अंदरखाने टेंशन बरकरार बताई जा रही है. सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान 29 सीटों से एक भी कम पर समझौते के मूड में नहीं हैं, जबकि जेडीयू और बीजेपी के कुछ नेता कुछ सीटों को लेकर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एनडीए में औपचारिक घोषणा भले ही जल्द हो जाए, लेकिन अंदरुनी खींचतान चुनाव प्रचार तक बनी रह सकती है. कुल मिलाकर, सहयोगियों के ट्वीट्स ने एकता का संदेश दिया है. लेकिन सीटों की सियासत अब भी पूरी तरह शांत नहीं हुई है.