नवादा की भयावह मॉब लिंचिंग घटना ने राज्य भर में चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है. नालंदा जिले के भट्टा गांव में 5 दिसंबर को हुई क्रूर हिंसा में घायल अतहर हुसैन की मौत हो जाने के बाद राजनीतिक दलों ने इस घटना पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. सभी प्रमुख दलों ने हिंसा की निंदा की और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.

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जद(यू) प्रवक्ता अभिषेक झा ने नवादा की मॉब लिंचिंग को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह की उन्मादी घटनाओं को राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अभिषेक झा ने स्पष्ट कहा कि जिन लोगों ने इस तरह की हिंसा को अंजाम दिया है, उन पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी. उन्माद फैलाने वालों को बचाया नहीं जाएगा और कानून अपना काम करेगा. उनके इस बयान से यह संदेश गया कि राज्य सरकार और उसकी सहयोगी पार्टी इस जघन्य कृत्य को गंभीरता से ले रही है.

हम सबको बनाए रखना चाहिए आपसी सौहार्द- प्रभाकर मिश्रा

बीजेपी के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने नवादा मॉब लिंचिंग पर कहा कि यह घटना दुखद है, लेकिन इसे किसी एक धर्म या जाति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सबको आपसी सौहार्द बनाए रखना चाहिए. प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान में लिया हुआ है और कार्रवाई कर रहा है. गृह मंत्री सम्राट चौधरी स्वयं पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. प्रभाकर मिश्रा ने साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ाने से बचने की बात कही और भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ उचित कदम उठाया जाएगा.

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नवादा में हुई घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण- विनीत सिंह

लोजपा रामविलास के प्रवक्ता डॉ. प्रो. विनीत सिंह ने कहा कि नवादा में हुई घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है और राज्य प्रशासन इस मामले को गंभीरता से देख रहा है. डॉ. विनीत सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन दोषियों पर उचित कार्रवाई करेगा और न्याय सुनिश्चित करेगा. उनके बयान से यह स्पष्ट हुआ कि लोजपा भी राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है और वह मामले की न्यायपूर्ण जांच चाहती है.

बर्दाश्त नहीं की जाएगी कोई भी उन्मादी गतिविधि- सरकार

इन प्रतिक्रियाओं से स्पष्ट होता है कि नवादा मॉब लिंचिंग मामले ने राजनीतिक दलों को सजग किया है. सभी दल घटना की निंदा कर रहे हैं और पुलिस तथा प्रशासन से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. सरकार की तरफ से भी यह कहा जा रहा है कि कोई भी उन्मादी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कानून अपना काम करेगा.

नवादा की इस जघन्य घटना ने न सिर्फ स्थानीय समाज को बल्कि पूरे राज्य को सोचने पर मजबूर कर दिया है. राजनीतिक दलों की साझा प्रतिक्रिया से यह संकेत मिलता है कि राज्य नेतृत्व जनता को न्याय दिलाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है.

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