मधुबनी: नवंबर आते ही शादी का समय शुरू हो जाता है. ऐसे में अधिकतर लोग जिन्हें अपनी बेटियों की शादी करनी होती है वो लड़के की तलाश में परेशान हो जाते हैं. कई साल खोजने के बाद भी उन्हें मनपसंद लड़का नहीं मिलता है. अगर आपको भी अपनी लड़की के लिए दूल्हा नहीं मिल रहा है तो एक बार मधुबनी के रहिका प्रखंड के सौराठ गांव आएं. यहां दूल्हों के लिए एक सभा लगाई जाती है जहां आप अपनी बेटी-बहन के लिए मनपसंद वर चुन सकते हैं.


दरअसल, इस सभा में आसपास के इलाके के वर और उनके परिवार के लोग आकर सभा में बैठते हैं. यहीं से लड़की पक्ष वाले लड़कों को पसंद करते हैं. लड़की पक्ष वाले लड़कों का रूप, रंग, गुण, स्वभाव और घर आदि के बारे में तत्काल ही छानबीन कर लड़की का रिश्ता तय कर देते हैं. आजकल जिस तरह लोग ऑनलाइन लड़का या लड़की देखते हैं ठीक उसी तरह इसे आप ऑफलाइन व्यवस्था कह सकते हैं.


जानिए इसका इतिहास


कहा जाता है कि एक समय में यहां एक लाख से अधिक लोग हर दिन अपनी बेटी या बहन के लिए वर खोजने आते थे. यहां तक कि सभा स्थली पर उद्घाटन के दिन ही हजारों लाखों मैथिल एकत्रित होते थे. यहां आज वीरानी छाई है. मैथिल ब्राह्मणों की शादी के लिए प्रचलित स्थली सौराठ सभा का इतिहास करीब 800 वर्ष पुराना रहा है. इतिहासकारों के अनुसार रहा 1300 ई के आसपास हरिसिंह देव के समय सभा की शुरुआत हुई थी.


जुलाई के आसपास लगती है सभा


इतिहास को जानने वाले बताते हैं सौराठ सभा मैथिल ब्राह्मणों का विश्वविद्यालय था जहां विभिन्न जगहों के छात्र एवं गुरुजन एकत्रित होते थे. फिर शास्त्रार्थ होता था. जीतने वाले को उपाधि दी जाती थी जिसे आज कल हम सर्टिफिकेट कहते हैं. इसके बाद मिथिलांचल समेत नेपाल के रहने वाले लाखों की संख्या में मैथिल ब्राह्मण सौराठ सभा में एकत्रित होने लगे और यह स्थली शादी विवाह के लिए काफी प्रचलित हो गई. हालांकि अब शादी विवाह तो यहां कम तय होती है लेकिन प्रत्येक वर्ष सौराठ में जुलाई के आसपास एक बार सभा जरूर लगती है. पंजी देखकर तारीख फिक्स होती है.


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